
दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से अंतिम नतीजों का ऐलान बाकी है, लेकिन इसके पहले ही सत्तारूढ़ एनडीए राज्य में बड़ी जीत की ओर जाता नजर आ रहा है। वहीं, बदलाव की कोशिश में जुटा महागठबंधन सीटों में बढ़त के मामले में 50 का आंकड़ा भी नहीं छू पाया है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ NDA यानी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन और महागठबंधन के बीच है। एनडीए के प्रमुख दलों में जनता दल यूनाइटेड भारतीय जनता पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी , वाम दल और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी हैं।दूसरे चरण के मतदान के बाद जारी अधिकांश एग्जिट पोल राज्य में एनडीए सरकार की वापसी के संकेत दे रहे हैं। वहीं, कम से कम दो एग्जिट पोल ऐसे हैं जो कांटे की टक्कर बता रहे हैं। खास बात है कि इन एग्जिट पोल के आंकड़ों को मानें तो राज्य में प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन सुराज पार्टी का डेब्यू काफी कमजोर रहा है। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन सीमांचल क्षेत्र में भी कमजोर प्रदर्शन करती नजर आ रही है। हालांकि, अंतिम नतीजे आना बाकी हैं।मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल बताते हैं कि मंगलवार को 122 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में 68.79 प्रतिशत रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक की सर्वाधिक संख्या है। उन्होंने जानकारी दी कि पहले चरण का मतदान छह नवंबर को हुआ था और उसमें 65.08 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। दो चरणों में हुए चुनाव में 66.90 प्रतिशत का ऐतिहासिक मतदान दर्ज किया गया।। यह आंकड़ा पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 9.6 फीसदी ज्यादा है।