
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमां पिंड चौंक जालंधर मेंश्री शनिदेव महाराज जी के निमित सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान विक्की अग्रवाल से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को मनुष्य को जीवन में कर्म की परिभाषा का ब्याख्यान करते हुए कहते है कि प्रार्थनाओं में जीवन का सारांश निहित होता है। संसार में एक ही संबंध शाश्वत एवं सनातन है – इंसान का अपने अंतस से, जिसे हम ईश्वर भी कहते हैं। अन्य सारे संबंध कृत्रिम हैं, मानवनिर्मित और क्षणभंगुर हैं। मनुष्य का परमात्मा से संबंध ही आदि सत्य है। मां-बाप, भाई-बहन, पति-पत्नी इत्यादि सांसारिक जिम्मेदारियां हैं। मनुष्य को अपनी सांसारिक जिम्मेदारियां तो पूरी करनी हैं, ईश्वर से अपने संबंध को महसूस कर उसे प्रगाढ़ बनाना है।
नवजीत भारद्वाज जी ने *प्रभु भक्तों के लिए प्ररेक प्रार्थना का गुणगान किया ऐ मालिक तेरे बन्दे हम…. ऐसे हों हमारे करम….. नेकी पर चले और बदी से टले…. ताकी हँसते हुए निकले दम* अर्थात् हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह हमें नेकी के रास्ते पर चलाए और बुराई से दूर रखे, ताकि जीवन के अंत में हम शांति से जा सकें। यह प्रार्थना मनुष्य की कमजोरी को स्वीकार करती है और साथ ही ईश्वर की कृपा पर विश्वास भी जताती है
नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि जीवन कर्म प्रधान होना चाहिए। कर्म ही मनुष्य की पूजा है। आलस्य और पलायनवाद का जीवन में कोई स्थान नहीं है। जिस प्रकार वेग से बहती हुई नदी की जलधारा सागर तक पहुंच जाती है, उसी प्रकार कर्म में लीन मनुष्य ही अपनी मंजिल तक पहुंच पाता है। कर्म करने के अलावा मनुष्य के पास जीवन में कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। हमारी प्रार्थनाओं में कर्म को परिभाषित किया गया है, कर्म के गुण को बताया गया है। कर्म का वर्गीकरण इससे ज्यादा सरल नहीं हो सकता।
जो कर्म मनुष्य एवं प्रकृति के हित में है, वह करने योग्य है। कर्म में ही समस्त सृष्टि के अमरत्व का सार है। जिस कर्म को करके आत्मसंतुष्टि हो, चित्त प्रफुल्लित रहें एवं आत्मा पर कोई बोझ न हो, वही वास्तविक कर्म है। जिस कर्म से किसी को हानि हो, चोट पहुंचे उससे हमें बचना है। नेक कर्म से ही शांति एवं सद्भाव संभव है।
इस अवसर पर संजीव शर्मा, अमरेंद्र कुमार शर्मा, समीर कपूर, नवीन कुमार ,राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर, प्रदीप,अजीत कुमार , नरेंद्र,बावा जोशी,डॉ गुप्ता,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू,मुकेश, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, निर्मल,अनिल,सागर, प्रिंस कुमार, अनिल, कमल नैयर, अजय सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारी का आयोजन किया गया।