नई दिल्ली:

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के पास आते ही राजनीतिक पारा तेजी से ऊपर चढ़ने लगा है. तमाम पार्टियां उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने के साथ ही अब चुनाव प्रचार पर फोकस कर रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है. बीजेपी ने अपनी पहली सूची में जहां हरियाणा की 90 में से 67 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है तो वहीं कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में कुल 32 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है. लेकिन इन सब के बीच बीजेपी और कांग्रेस के लिए अपने ही नेता मुसीबत खड़ी करते नजर आ रहे हैं. दरअसल, ये वो नेता है जिन्हें पार्टी ने उनकी सीट से इस बार टिकट नहीं दिया है. अब ये नेता अपनी पार्टी के खिलाफ ही आवाज बुलंद करते दिख रहे हैं. कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी के बड़े नेता राजेश जून ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि पार्टी ने उन्हें भले उम्मीदवार नहीं बनाया है लेकिन वो बहादुरगढ़ से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. राजेश जून ने चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद अपने समर्थकों के साथ एक बैठक भी की है. उन्होंने कहा मेरे साथ कांग्रेस नेतृत्व ने धोखा किया है. लेकिन मैं हार नहीं मानने वाला हूं मैं इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की तुलना दोगुने वोट लेकर विधायक चुना जाऊंगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मुझसे वादा किया था कि मुझे टिकट देंगे लेकिन ऐसा हुआ नहींहरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला का भी नाम लिस्ट से गायब था. बीजेपी की पहली लिस्ट से अपना नाम गायब देखने के बाद रणजीत सिंह चौटाला ने अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई थी.

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