एच.एम.वी.—एक सुरक्षित लघु ग्लोब
हंसराज महिला महाविद्यालय, जालन्धर स्वयं में एक
लघु ग्लोब है जो न केवल प्रशासनिक कार्यक्रमों के संदर्भ
में विश्व स्तर पर सक्षम आधारिक संरचना प्रदान करता
है अपितु राष्ट्र एवं विश्व के विभिन्न भागों में भी
छात्राओं को विलक्षण मंच प्रदान करने में सामथ्र्य
है। हंसराज महिला महाविद्यालय के पास न केवल
पंजाब से बल्कि संपूर्ण देश समग्रत: विदेशों की
बेटियों को मूल्यवान शिक्षा प्रदान करने का 93 वर्षों
का गौरवान्वित रिकॉर्ड सुरक्षित है। यह केवल
भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी माता-पिता का
प्रथम चयन है, क्योंकि इसके पीछे संस्था द्वारा श्रेष्ठ
अध्यापकगण द्वारा प्रदान की जाने वाली श्रेष्ठ
शिक्षा एवं श्रेष्ठ आधारिक संरचना है। संस्था बिना
किसी प्रकार के सुरक्षात्मक प्रबन्धों के बावजूद भी
बेटियों के लिए एक सुरक्षित कैम्पस का गौरव प्राप्त किए
है।

एच.एम.वी. के तीन छात्रावास कीरती, औजस्वी एवं प्रगति
22 राज्यों एवं 4-5 देशों की छात्राओं के लिए किसी भी
समय एक लघु ग्लोब के रूप में दृष्टिगत होता है। यहां
पर विद्यार्थी जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश,

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मनीपुर,
असम, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,
राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, चण्डीगढ़, छत्तीसगढ़,
कर्नाटक, केरल एवं महाराष्ट्र से आकर विद्ययक
शिक्षा ग्रहण करते हैं। एच.एम.वी. की अल्ट्रा माडर्न
सुविधाओं एवं स्टेट-आफ-आर्ट आधारित संरचना जो
कि वैश्वीकरणीय स्तर से मिलती है, के कारण न केवल
भारतीय माता-पिता ही अपने बच्चे को यहां भेजना पसन्द
करते हैं बल्कि एन.आर.आई. भी इसे तरजीह देते हैं।
संस्था अपनी धर्म-निरपेक्षता के कारण भी परिचित है।
विभिन्न सम्प्रदायों के विभिन्न त्योहारों को छात्राओं
द्वारा एकरूपता से मनाया जाता है।
असीम नरूला की माता अन्मा नरूला जो नामीबिया की
निवासी है, का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी के
लिए एच.एम.वी. संस्था को इसलिए चयनित किया क्योंकि यह
शिक्षा के समस्त गुणों का विकास करने का गहनता से
अनुसरण करती है। अन्मा स्वयं भी एच.एम.वी. की छात्रा
रही है तथा वह अपनी सफलता का पूर्ण श्रेय संस्था को
प्रदान करती है। एक और बेहद संतुष्ट माता-पिता श्री
सतपाल विरदी, जिनकी दो बेटियों ने एच.एम.वी. से सात वर्ष
शिक्षा ग्रहण की एवं अपनी एम.कॉम पूर्ण की जिसके
परिणामस्वरूप उन्होंने लखनऊ में आई.आई.एम. का पद
प्राप्त किया। उनकी प्रसन्नता का कोई अन्त नहीं है जब वह

कहते हैं कि अपनी बेटियों के लिए एच.एम.वी. जैसी संस्था का
चयन कर मैं अत्यधिक हर्षित अनुभव करता हूं क्योंकि यह न
केवल प्रशासनिक क्षेत्र में प्रतिष्ठित है बल्कि
पाठयेत्तर क्षेत्र के क्रिया कलापों एवं बेटियों के
लिए एक सुरक्षित स्थान है। यहां यह भी उल्लेखनीय है
कि उनकी तीसरी बेटी आज इसी संस्था में एम.काम में विद्या
ग्रहण कर रही है।

प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी द्वारा
विश्व की सभी बेटियों का एच.एम.वी. के सुरक्षित
छात्रावास एवं कैंपस में विश्व स्तरीय शिक्षा ग्रहण
करने हेतु हार्दिक स्वागत है।

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