दिल्ली :
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को आखिरकार आज अपना बास बॉस मिल गया है। जिससे CBI के काम में और तेजी आएगी। तेजतर्रार IPS अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (ष्टक्चढ्ढ) के निदेशक के रूप में पदभार संभाल लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में CBI निदेशक के चयन के लिए नियुक्ति समिति ने महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर सहमति जताई थी। गौरतलब है कि यह पद फरवरी के पहले सप्ताह से तब से खाली पड़ा है, जब ऋषि कुमार शुक्ला ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। उसके बाद से अपर निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के रूप में प्रमुख जांच एजेंसी के मामलों को देख रहे हैं.22 सितंबर 1962 को बिहार में जन्मे जायसवाल 1985 बैच के आइपीएस हैं। महाराष्ट्र कैडर में होने के कारण वे मुंबई के पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के DGP भी रहे चुके हैं। वे 9 साल तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) में भी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने रा में रहते हुए तीन साल तक अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभाई है।महाराष्ट्र काडर के सुबोध कुमार जायसवाल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जो सूबे के डीजीपी भी रह चुके हैं। जायसवाल को 2018 में मुंबई के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें दिल्ली पुलिस के कमिश्नर पद का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने CISF  का डीजी बनना ज्यादा सही समझा था।सुबोध कुमार जायसवाल को पुलिस के अलावा खुफिया मामलों का भी अच्छा अनुभव है। वह आईबी में नौकरी के साथ ही करीब 9 सालों तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ में भी काम कर चुके हैं। उनको जानने वाले मानते हैं कि सीबीआई निदेशक के पद के लिए वह काफी ज्यादा उपयुक्त हैं। उन्होंने अब्दुल करीम तेलगी के केस की भी जांच की थी, जिसे बाद में सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके अलावा भीमा कोरेगांव केस से भी वह जुड़े थे। उनके पदभार संभालने का सभी स्वागत किया है।

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