दिल्ली: डीप्राकृतिक आपदाओं का अलर्ट: NISAR सैटेलाइट आने वाले भूकंप, तूफान, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और अन्य प्राकृतिक घटनाओं के बारे में पहले ही जानकारी देगा। इसका रडार सिस्टम धरती की सतह के बदलावों को सेंटीमीटर के स्तर तक मापने में सक्षम होगा। इससे पता चलेगा कि कहां और कब कोई प्राकृतिक आपदा हो सकती है। भूकंपों की चेतावनी: NISAR टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल को रिकॉर्ड करेगा और इससे वैज्ञानिक यह अनुमान लगा सकेंगे कि भूकंप कब और कहां आ सकता है। यह सैटेलाइट धरती के एक चक्कर को 12 दिन में पूरा करेगा और हर 12 दिन बाद यह धरती की स्थिति की नई रिपोर्ट देगा।NISAR सैटेलाइट में एक बड़ा मेन बस होगा, जिसमें विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स जैसे ट्रांसपोंडर्स, टेलीस्कोप और रडार सिस्टम होंगे। लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद, एक सिलेंडर खुलेगा और इसमें एक बड़ी छतरी जैसी डिस्क एंटीना निकलेगी, जिसे सिंथेटिक अपर्चर रडार कहा जाता है। यह रडार सैटेलाइट को धरती के बदलावों का सटीक आकलन करने में मदद करेगा।NISAR सैटेलाइट में एक बड़ा मेन बस होगा, जिसमें विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स जैसे ट्रांसपोंडर्स, टेलीस्कोप और रडार सिस्टम होंगे। लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद, एक सिलेंडर खुलेगा और इसमें एक बड़ी छतरी जैसी डिस्क एंटीना निकलेगी, जिसे सिंथेटिक अपर्चर रडार कहा जाता है। यह रडार सैटेलाइट को धरती के बदलावों का सटीक आकलन करने में मदद करेगा

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