जालंधर:हंस राज महिला महा विद्यालय के अध्यापकों की ओर से
लॉकडाउन के दिनों में ई कंटेंट विकसित किया गया है
ताकि विद्यार्थियों का किसी भी तरह से पढाई का नुक्सान न हो।
अपनी अकादमिक सोशल जि़म्म्मेदारी निभाते हुए हंस राज
महिला महा विद्यालय ने दूसरे संस्थानों की ओर मदद का हाथ
बढ़ाया है ताकि वह संस्थान एच.एम.वी. के ई कंटेंट का
लाभ ले सके। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने बताया कि
एच. एम. वी. अपना ई. मीडिया सेंटर पिछले दो वर्षों से चला
रहा है तथा लॉकडाउन से बहुत पहले से ही ऑनलाइन टीचिंग
के माध्यम से विद्यार्थिओं को गाइड कर रहा है। लॉकडाउन
के समय के दौरान कॉलेज को पूरी तरह से ऑनलाइन
टीचिंग पर ही निर्भर रहना पड़ा है। प्राचार्या डॉ.
सरीन ने बताया कि इस समय के दौरान कॉलेज के 95.6 त्न
विद्यार्थिओं को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया गया है तथा
छात्राओं ने सिलेबस के पूरे होने तथा रिविज़न पर अपनी
संतुष्टि ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि जो संस्थान शेष रहते
सिलेबस का ई-कंटेंट विकसित नहीं कर पाए, वह एच.एम.वी. के
ई-कंटेंट का पूरा फ्री लाभ ले सकते है। कॉलेज की एक
टीम यह ई-कंटेंट उपलबध करवाएगी। इसके लिए ईमेल
आईडी द्धद्व1.ड्डह्यह्म्ञ्चद्दद्वड्डद्बद्य पर निवेदन भेजा जा सकता है।
प्राचार्या डॉ. सरीन ने कहा कि अकादमिक सोशल
जि़म्म्मेदारी हमारे कॉलेज का गढ़ रही है तथा एक
शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारा दायित्व छात्राओं में
केवल नॉलेज का प्रसार करने से कही अधिक है। सामाजिक
बदलाव के ऊर्जावान ड्राइविंग बल के तौर पर, एच. एम. वी. ने
यह बीड़ा स्वयं उठाया है ताकि छात्राओं का किसी भी तरह से
कोई नुक्सान न हो।
लॉकडाउन के दिनों में ई कंटेंट विकसित किया गया है
ताकि विद्यार्थियों का किसी भी तरह से पढाई का नुक्सान न हो।
अपनी अकादमिक सोशल जि़म्म्मेदारी निभाते हुए हंस राज
महिला महा विद्यालय ने दूसरे संस्थानों की ओर मदद का हाथ
बढ़ाया है ताकि वह संस्थान एच.एम.वी. के ई कंटेंट का
लाभ ले सके। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने बताया कि
एच. एम. वी. अपना ई. मीडिया सेंटर पिछले दो वर्षों से चला
रहा है तथा लॉकडाउन से बहुत पहले से ही ऑनलाइन टीचिंग
के माध्यम से विद्यार्थिओं को गाइड कर रहा है। लॉकडाउन
के समय के दौरान कॉलेज को पूरी तरह से ऑनलाइन
टीचिंग पर ही निर्भर रहना पड़ा है। प्राचार्या डॉ.
सरीन ने बताया कि इस समय के दौरान कॉलेज के 95.6 त्न
विद्यार्थिओं को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया गया है तथा
छात्राओं ने सिलेबस के पूरे होने तथा रिविज़न पर अपनी
संतुष्टि ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि जो संस्थान शेष रहते
सिलेबस का ई-कंटेंट विकसित नहीं कर पाए, वह एच.एम.वी. के
ई-कंटेंट का पूरा फ्री लाभ ले सकते है। कॉलेज की एक
टीम यह ई-कंटेंट उपलबध करवाएगी। इसके लिए ईमेल
आईडी द्धद्व1.ड्डह्यह्म्ञ्चद्दद्वड्डद्बद्य पर निवेदन भेजा जा सकता है।
प्राचार्या डॉ. सरीन ने कहा कि अकादमिक सोशल
जि़म्म्मेदारी हमारे कॉलेज का गढ़ रही है तथा एक
शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारा दायित्व छात्राओं में
केवल नॉलेज का प्रसार करने से कही अधिक है। सामाजिक
बदलाव के ऊर्जावान ड्राइविंग बल के तौर पर, एच. एम. वी. ने
यह बीड़ा स्वयं उठाया है ताकि छात्राओं का किसी भी तरह से
कोई नुक्सान न हो।
Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।