एच.एम.वी. कॉलेजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जालंधर में प्राचार्या प्रो. डॉ.  अजय सरीन के योगात्मक दिशा-निर्देशन अधीन भारतवासियों एवं छात्राओं में तकनीकी जागरूकता एवं तकनीकी उपलब्धियों के विषय में जानकारी प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन किय गया जिसका उद्देश्य नवीन तकनीकों के माध्यम से विज्ञान के प्रति अपने जनून एवं रुचि को प्रदर्शित करना था। समारोह का शुभारंभ सर्वमंगल कामना हेतु ज्योति प्रज्ज्वलन एवं गायत्री मंत्र का गायन कर किया गया। प्राचार्या प्रो. डॉ.  अजय सरीन एवं  मीनाक्षी स्याल, स्कूल कोआर्डिनेटर ने मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित सुधी विद्वान प्रो. डॉ. अरुण खोसला, विभागाध्यक्ष इलैक्ट्रोनिक विभाग, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टैक्नालोजी का प्लांटर भेंट कर सहृदय अभिनंदन किया। प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिवस देश की तकनीकी क्रांति और उसको शक्तिशाली बनाने में अहम भूमिका रखता है। उन्होंने कहा कि इस युग में तकनीकी हमारा अभिन्न अंग बनता जा रहा है जिसके बिना भविष्य की कल्पना करना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी दिवस में हमारा राष्ट्र एवं हम उन सभी महान वैज्ञानिकों को नमन करते हैं जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके न्वोन्मेष खोजों के माध्यम से राष्ट्र को उन्नत, समृद्ध एवं खुशहाल बनाते हैं। अंत में उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस होता है कि डीएवी आधुनिकता के साथ-साथ वैदिक मूल्यों का सम्मिश्रण है। मुख्य वक्ता डॉ. अरुण खोसला ने विघटनकारी प्रौद्योगिकियों विषय पर विचार प्रस्तुत करते हुए छात्राओं के साथ मोबाइल इंटरनेट, थ्री-डी प्रिंटिंग, क्लाउट कम्प्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंगस और आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस जैसे ज्ञानवर्धक ज्ञान प्रदान कर छात्राओं को लाभान्वित किया। उन्होंने बताया कि तकनीक के उचित प्रयोग द्वारा कोई भी देश उन्नति कर सकता है। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए गए।  मीनाक्षी स्याल ने कहा कि यह दिन तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक खोजो एवं जांच उद्योग और विज्ञान के एकीकरण में किए नए प्रयास का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी वैज्ञानिक ज्ञान का अनुप्रयोग व्यावहारिक ढंग से करके उसको नया रूप प्रदान करता है एवं इस महान दिन को मनाने का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिकों के माध्यम से छात्राओं को विज्ञान के प्रति उत्साहित करना रहा। इस अवसर पर  मीनाक्षी स्याल द्वारा रचित न्यू एप्रोच इन फिजिक्स पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक सीबीएसई, पीएसईबी एवं अन्य बोर्ड स्कूलों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रख कर इस पुस्तक की रचना की गई। इसलिए यह पुस्तक हर विद्यार्थी के लिए लाभकारी है जिसका पठन-पाठन करके वह अपने ज्ञान में बढ़ौतरी, भौतिक विज्ञान की संकल्पनाओं को आसानी से समझ कर लाभान्वित हो सकते हैं एवं प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारी कर अच्छे अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण हो सकते हैं। इस अवसर पर उभरती तकनीकी प्रणाली विषय को लेकर पावर प्वाइंट प्रेजेनटेशन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें 15 छात्राओं ने प्रतिभागिता की एवं प्रतियोगी छात्राओं द्वारा देश की तकनीकी प्रगति पर विभिन्न विषयों जैसे क्रिप्टोकरंसी, वर्चुअल रिएलिटी, मेटावर्सेस, आर्टीफिशियल इंटेलीजैंसी नैनो टैक्नालोजी, आईओटी रोबोटिक्स एंड ऑटोमैटिक्स आदि पर विचार प्रस्तुत कर छात्राओं को लाभान्वित किया। जजों की भूमिका कंप्यूटर साइंस विभाग से  गुलागौंग एवं जतिंदर, बायोटेक्नालोजी विभागाध्यक्ष ने सफलतापूर्वक निभाते हुए कु. नम्रता +2 मैडिकल ने प्रथम एवं कु. भूमि +2 मैडिकल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। मंच संचालन सुश्री सुकृति ने किया।

 

 

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