हंसराज महिला महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष की भांति श्रावणी-उपाकर्म एवं विश्व संस्कृत दिवस प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल दिशा-निर्देशन में मनाया गया जिसमें विशिष्ट व्याख्यान हेतु प्राचार्या गुरुकुल करतारपुर डॉ. उद्यन आर्य भी पधारे, साथ ही छात्राओं ने विश्व संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, संस्कृत सामान्य ज्ञान, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, भारतीय संस्कृति का आधार संस्कृत विषय पर भाषण प्रतियोगिता, भजन गायन प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। प्राचार्या जी ने इस विशेष अवसर पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल संस्कृत भाषा है। योग, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र, गणित शास्त्र, ज्योतिष विज्ञान इसी भाषा में निहित हैं। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। इसकी महत्ता को युवा वर्ग तक पहुँचाना हम सबका पुनीत कर्त्तव्य है। साथ ही उन्होंने वैदिक अध्ययन समिति एवं संस्कृत विभाग को समय-समय पर इस तरह के आयोजनों से छात्राओं की जागरूकता बढ़ाने हेतु बधाई दी तथा प्राचार्या उद्यन जी का स्वागत भी किया। डीन वैदिक अध्ययन समिति डॉ. ममता ने इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ दी। डॉ. उद्यन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत हमारी मातृ भाषा है क्योंकि इसने कई भाषाओं को जन्म दिया है। आज कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग के लिए सबसे उपयुक्त भाषा कोई है तो वो संस्कृत है। इसे सामान्य जन तक ले जाने की आवश्यकता है। अंत में संस्कृत भाषा की महत्ता बताते हुए संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने कहा कि संस्कृत प्राचीन भारत की सबसे समृद्ध भाषा है। इसके महत्व को आज सम्पूर्ण विश्व पहचान रहा है। उन्होंने कहा कि भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती।Ó साथ ही उन्होंने जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम् का उद्घोष भी छात्राओं सहित किया। मंच संचालन डॉ. मीनू तलवाड़ ने किया। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के सदस्य भी उपस्थित रहे। डीन डॉ. ममता ने सभी का धन्यवाद किया।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।