एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में ‘साइबर हाइजीन’ विषय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में स्तोत्र वक्ता के रूप में पीजी डिपार्मेंट आफ कंप्यूटर साइंस की अध्यक्ष एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रुपाली सूद उपस्थित हुई। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस विषय की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साइबर हाइजीन पर बात करना समय की मांग है क्योंकि इस समय पूरे विश्व में बहुत सारे लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं, उन्होंने कहा हमें विशेष रूप से अपने बुजुर्गों और बच्चों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करना है ताकि उत्सुकतावश और जल्दी मेंऔर अज्ञानता के कारण कोई ऐसा काम न कर दे जिससे आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़े। डॉ रूपाली सूद ने साइबर हाइजीन विषय में बात करते हुए कहा कि आजकल अनगिनत ऐसे गैजेट्स है जिनका प्रयोग हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कर रहे हैं इसलिए हमें उतना ही सतर्क होने की जरूरत भी है,उन्होंने बताया कि आजकल डाटा ब्रीच जिसमें आपके महत्वपूर्ण डाटा को कॉपी कर लिया जाता है,डिजिटल अरैस्ट स्कैम, ट्रेडिंग स्कैम इन्वेस्टमेंट स्कैम, रोमांस एंड डेटिंग स्कैम, साइबर फ्राडस व्यक्तिगत रूप से तो यह लोगों को अपना शिकार बना ही रहे हैं कई बार न केवल राज्य बल्कि देश की सुरक्षा को भी इन फ्रॉडस से खतरा रहता है। डॉ रूपाली ने बताया कि इन फ्रॉडस का शिकार होने का सबसे पहला कारण अज्ञानता है, अजनबी लोगों पर विश्वास करना है और साइबर क्राइम के खतरे को कमतर आंकना है। साइबर क्राइम से बचने के उपाय के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हमें झूठे मैसेज़स, गलत खबरें, गलत वेबसाइट, ओटीपी फ्राडस,ई वॉलेट फ्राडस, सिम स्वैपिंग फ्राडस, डेंजरस गेम चैलेंजस,मेट्रोमोनियल फ्राडस आदि से बचकर रहना है और अपनी व्यक्तिगत और दूसरी ईमेल अलग रखनी है,हर महीने में अपना पासवर्ड भी बदलते रहना है और इस तरह का पासवर्ड बनाना है ताकि सुरक्षित रह सके। डॉ रूपाली ने बताया कि अगर हम कभी गलती से साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं तो हमें भारत सरकार द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल एवं भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की मदद शीघ्रातिशीघ्र लेनी है ताकि हम उस नुकसान से बच सके और अपनी गैजेट्स में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करके रखना चाहिए और कभी भी अपनी लोकेशन को ऑन नहीं करना चाहिए तथा न ही हमें पब्लिक इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिए। फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए उन्होंने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की इंचार्ज डॉ अंजना कुमारी एवं मैडम रजनी कुमार के प्रयासों की सराहना की तथा भविष्य में भी ज्वलंत एवं महत्वपूर्ण विषयों पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम करवाते रहने के लिए प्रेरित किया।

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