जालंधर, 04 अगस्त:- पहले जून में पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम की बकाया राशि देने का वादा, फिर जुलाई में कॉलेजों को सरकार से 60 प्रतिशत राशि की डिमांड ना करने की बात के बाद पंजाब में गरीब एस.सी छात्रों का भविष्य सभी को अंधकार में जाता नज़र आ रहा था। लेकिन अब इस में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ कॉलेजिस एंड स्कूल्ज ऑफ़ पंजाब के प्रतिनिधियों द्वारा पंजाब के वित्त मंत्री माननीय मनप्रीत सिंह बादल के साथ की गई मीटिंग के बाद आशा की एक किरण नज़र आई हैं। इस मीटिंग में वित्त मंत्री माननीय मनप्रीत सिंह बादल के साथ पंजाब वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट के चेयरमैन जगमीत सिंह बराड़ और कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ कॉलेज एंड स्कूल्ज ऑफ़ पंजाब के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ पॉलिटेक्निक कॉलेज के अध्यक्ष विपिन शर्मा, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ नर्सिंग कॉलेज के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ लॉ इंस्टीच्यूट्स के अध्यक्ष अमित शर्मा आदि शामिल हुए।

अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब के कॉलेजों की वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 की बकाया राशि ना आने से कॉलेजों का हाल बेहाल हो चूका हैं और कई कॉलेज बंद हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 10 जून को हुई मीटिंग में कॉलेजों ने पंजाब में शिक्षा और एससी छात्रों का भविष्य बचाने के लिए सरकार के हर फैसले से सहमति जताई थी। लेकिन उसके बावजूद सरकार कॉलेजों से अंडरटेकिंग की मांग कर  रही है जिसमें कॉलेज सरकार से बकाया राशि के 60 प्रतिशत की डिमांड नहीं कर सकती। चोपड़ा ने कहा कि करोड़ो की बकाया राशि और दूसरा कोरोना की मार कॉलेजों को पड़ी है। ऐसे में अगर कॉलेज सरकार का साथ दे सकते हैं तो सरकार को भी कॉलेजों का साथ देना चाहिए। कॉलेज और सरकार अगर मिलकर काम करेंगे तभी शिक्षा का विस्तार किया जा सकता है।

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ पॉलिटेक्निक कॉलेज के अध्यक्ष विपिन शर्मा, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ नर्सिंग कॉलेज के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ लॉ इंस्टीच्यूट्स के अध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि कॉलेज सरकार द्वारा दिए गए सभी निर्देशों पर पालन करती हैं। अंडरटेकिंग जैसी कोई भी बात 10 जून को हुई मीटिंग में नहीं की गई थी और अब इसे कॉलेजों पर जबरदस्ती लागू करने की कोशिश की जा रही है। इस प्रकार अगर कॉलेजों और छात्रों को बार बार परेशानियों का सामना करना पड़ेगा तो पंजाब में शिक्षा कुछ ही समय में ख़तम हो जाएगी। पंजाब का कोई भी कॉलेज सरकार के इस फैसले के साथ सहमत नहीं है। सभी प्रतिनिधियों ने मनप्रीत बादल से इस फैसले को वापिस लेने की अपील की और कहा कि उन्हें यकीन है कि सरकार पंजाब के कॉलेज और एससी छात्रों के भविष्य को मद्देनज़र रखते हुए कोई एहम कदम उठाएगी।

वित्त मंत्री बादल ने कॉलेजों की समस्या को समझते हुए आश्वासन दिया कि अंडरटेकिंग को वापिस लिया जायेगा और कॉलेजों को आ रही सभी समस्याओं को सुलझाया जायेगा।

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