जालंधर पंजाब में सरकारी बसों का चक्काजाम अभी जारी रहेगा। बुधवार को मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल एडवाइजर सुरेश कुमार व हड़ताली कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के बीच बैठक बेनतीजा रही। सरकार ने कर्मचारियों के आगे शर्त रखी कि वो चक्काजाम खत्म कर दें, इसके बाद उनकी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करवा देंगे। हड़ताली कर्मचारियों ने इसे मानने से साफ इन्कार कर दिया।जिसके बाद अब कल बस स्टैंड को 2 घंटे बंद रखा जाएगा। वहीं, परसों सिसवां फार्म हाउस पहुंचकर में CM का घेराव किया जाएगा। कर्मचारियों ने दो-टूक कह दिया है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती, चक्काजाम जारी रहेगा। ऐसे में सरकारी बसें बंद होने से सवारियों की मुसीबत कम नहीं होगी। पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन के जिला प्रधान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार हर बार यही चालाकी करती है। इस वजह से कर्मचारी अब उनकी बातों में नहीं आएंगे। जब तक पुख्ता फैसला नहीं होता, चक्काजाम खत्म नहीं होगा।यूनियन के पंजाब प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि बैठक में कहा गया कि सरकार एक्ट लेकर आ रही है, उसके बाद कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा। सरकार ने आउटसोर्सिंग वाले स्टाफ को पक्का करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने उमा देवी जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। जब हमने पूछा कि आउटसोर्सिंग किसने की और इसके जिम्मेवार कौन हैं? तो सेक्रेटरी के पास कोई जवाब नहीं था। हमने कहा कि काम करते हुए 15 साल हो चुके हैं। हमारी जिंदगी खराब हो चुकी है। हमारी भर्ती लीगल है और मंत्री व सेक्रेटरी ये बात मान चुके हैं। हमने सरकार के पास मामला उठाया कि हमारे पास सिर्फ ढ़ाई हजार बसें हैं। ऐसे में महिलाओं को फ्री सफर की सुविधा कैसे पूरी होगी। इसके लिए हमने 10 हजार नई बसें डालने को कहा ताकि 70 हजार लोगों को नौकरी मिल सके। सेक्रेटरी ने हमें कहा कि पहले चक्काजाम खत्म करो, फिर मुख्यमंत्री से मिलवाएंगे लेकिन हमने चक्काजाम खत्म करने से इन्कार कर दिया है।
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