भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के पोस्टग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ फिज़िक्स के दो प्राध्यापकों डॉ. नीतू वर्मा तथा डॉ. सुरभि शर्मा ने स्टैग्नेट वॉटर इजेक्टर को स्वचालिटत तौर पर चलाने के लिए सिस्टम एवं विधि पर एक पेटेंट प्रकाशित कर विद्यालय को गौरवान्वित किया. बरसात के मौसम के दौरान सड़कों पर खड़े होते पानी के साथ फैलती बीमारियां तथा अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते पानी की समस्या के इस विलक्षण एवं व्यावहारिक हल को सामने लेकर आने के लिए विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने दोनों प्राध्यापकों को सम्मानित किया. इस अवसर पर संबोधित होते हुए मैडम प्रिंसिपल ने बताया कि विद्यालय के फिज़िक्स विभाग के द्वारा एक ऑटोमेटिक सेंसर सिस्टम विकसित किया गया है जो कि पानी के रुके हुए स्तर के आधार पर तीन विभिन्न मोड पर काम करेगा. आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि ऑटोमेटिक सेंसर सिस्टम तथा तीन विभिन्न उपकरणों को विकसित किया गया है जो विभिन्न पानी के स्तरों पर काम करना शुरू करेंगे. सेंसर आधारित सूचक ड्राइवरज़ को रुके हुए पानी की गहराई के बारे में चेतावनी देते हैं जो आगे हादसों से बचाव कर सकते हैं. वाटर स्टैग्नेटिड इजेक्टर प्रोजेक्ट ना केवल पानी को निकालता है बल्कि आगे उपयोग में लाने के लिए स्टोर भी करता है. यह कम ऊंचाई पर भी पानी को बाहर निकालने में मददगार है यह ऑटोमेटिक है और सड़कों पर पानी को साफ करने के लिए उच्च मैन पावर की ज़रूरत भी नहीं होगी. इस विशेष उपलब्धि के लिए उन्होंने फैकल्टी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि रुके हुए पानी को बाहर निकालने के लिए यह एक प्रभावी उपाय है तथा यह संस्था, शहरों और अंतर शहर व्यापारिक तौर पर सहायक साबित होगा.

 

 

 

 

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