भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर हमेशा छात्राओं को महत्वपूर्ण कौशल सीखने के अवसर प्रदान करता है जो उन्हें भविष्य में एक सफल पेशेवर बनने में मददगार होगा। इसी श्रंखला में विद्यालय के दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के द्वारा उच्च शिक्षा में कौशल के एकीकरण की नीति और अभ्यास पर परिप्रेक्ष्य” विषय पर एक इनवाइटिड टॉक आयोजित की गई। बी. वॉक तथा एम.वॉक की छात्राओं के लिए आयोजित इस विशेष प्रोग्राम में डॉ. निखिल कुमार, शिक्षा अफसर, यू.जी.सी., नई दिल्ली मैं स्रोत वक्ता के रूप में शिरकत की. अपने संबोधन के दौरान डॉ निखिल ने कौशल आधारित शिक्षा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर बहुमूल्य ज्ञान से छात्राओं को परिचित करवाते हुए कहा कि कौशल-आधारित शिक्षा सीखने की कला को बढ़ावा देती है, जिससे विद्यार्थियों को अकादमिक और आधुनिक दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। उन्होंने च्वाइस-बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के बारे में बताया और कहां की विद्यार्थी जितनी आवश्यकता हो उतने क्रेडिट ले सकते है जो उन्हें विकल्पों का एक पूल प्रदान करता है जो आगे उन्हें इंटर डिसीप्लिनरी तथा इनट्रा डिसीप्लिनरी कोर्सेज के बीच चयन करने की अनुमति देता है। उन्होंने छात्राओं से चर्चा की कि कौशल-आधारित पाठ्यक्रम छात्राओं की रोज़गार क्षमता और व्यावहारिक कौशल को बढ़ाते हैं जो उनके क्षेत्र को चुनने के लिए प्रासंगिक है। यह विद्यार्थियों को उनकी रुचि केu आधार पर पाठ्यक्रमों का चयन करने की स्वतंत्रता देता है और उन्हें ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान अंतःविषय और बहु-विषयक पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है। विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने विषय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी छात्राओं को प्रदान करने के लिए डॉ. निखिल कुमार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह टॉक छात्राओं को कौशल विकसित करने में मदद करेगी। इसके साथ ही उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए डॉ. गोपी शर्मा, डायरेक्टर, कौशल केंद्र तथा समूह स्टाफ सदस्यों के द्वारा किए गए प्रयत्नों की भी प्रशंसा की।
Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।