चंडीगढ़: सेक्टर-26 में हुए धमाके को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, सेक्टर-26 में सेविल बार एंड लाउंज और De’orra night club के बाहर ब्लास्ट करने वाले मोटरसाइकिल सवारों ने मोगा के ई-रिक्शा का फर्जी नंबर लगाया था, जो मोटरसाइकिल की पिछली नंबर प्लेट से नोट हो गया था। जब चंडीगढ़ पुलिस की टीम मोगा पहुंची तो ई-रिक्शा वहीं खड़ा मिला। पुलिस जांच में पता चला कि घटना को अंजाम देने वाले पंजाब के युवक हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस की जांच भी मोहाली पहुंचकर रुक गई है। हमलावरों को आखिरी बार मोहाली के बेस्टैक मॉल के पास देखा गया था। इसके बाद पुलिस को आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला।
चंडीगढ़ पुलिस ने शहर के लाइट प्वाइंटों और चौराहों पर लगे CCTV कैमरों से बम धमाके करने वाले आरोपियों की तस्वीरें और वीडियो जब्त कर लिए हैं। वारदात के बाद आरोपी मोहाली जाते समय किसी लाइट पर नहीं रुके। ब्लास्ट के बाद दोनों आरोपियों ने काले रंग का हेलमेट पहन लिया था ताकि पुलिस उन्हें रोक न सके। घटना के बाद सोशल मीडिया पर घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए एक पोस्ट किया गया, लेकिन कुछ देर बाद इसे डिलीट कर दिया गया। साइबर सेल ने पोस्ट की जांच शुरू कर दी है। मालिकों के बयान दर्ज करने में जुटी है। कई लोगों ने क्लबों में भागीदारी की है। पुलिस दोनों क्लब मालिकों से फिरौती की कॉल के बारे में पूछताछ कर रही है, लेकिन मालिक गोलमोल जवाब दे रहे हैं। जांच दौरान पुलिस को एक फोन कॉल के बारे में पता चला है, जोकि लॉरेंस के करीबी गैंगस्टर काली के गुर्गे ने की थी। इस दौरान काली का गुर्गा एक क्लब संचालक से बहस कर रहा था। दोनों ने आपस में गाली-गलौज और मारपीट की धमकियां दी थीं। ये भी जानकारी सामने आई है कि, क्लब के संचालक को यह कॉल धमाके से करीब एक सप्ताह पहले आया थी।