नई दिल्ली: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. मिली जानकारी के अनुसार चीन ने एक बार फिर ताइवान को डराने की कोशिश की है. इस बार उसने ताइवान को चारों ओर से घेर लिया है. हालांकि, चीन ने हमला करने के लिए नहीं, बल्कि सैन्य अभ्यास के लिए ताइवान के चारों ओर युद्धपोतों और लड़ाकू जहाजों को तैनात किया है. ताइवान के राष्ट्रपति के लेटेस्ट भाषण से चीन को खूब मिर्ची लगी है. यही वजह है कि चीन ने फाइटर जेट और नेवी शिप दौड़ा दिए. ड्रैगन ने आनन-फानन में ताइवान को चारों ओर से घेर लिया और युद्धाभ्यास कर रहा है. सूत्रों से पता चला हे की सच कहें तो चीन का यह युद्धाभ्यास कम और ताइवान को डराने की कोशिश अधिक है. ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को आजाद. ताइवान ने चीन से मिलने वाली धमकियों के बीच गुरुवार को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया.

सूत्रों से पता चला हे की पहले तो चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाइ चिंग ते के भाषण पर नाराजगी जताई. फिर उसकी सेना यानी पीएलए (पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी) ने ताइवान के चारों ओर नाकेबंदी अभ्यास शुरू कर दिया है. चीन ने ताइवान को हर दिशा से घेर लिया है. मकसद है अटैक के लिए हर तरह से खुद को तैयार रखना. भले ही पीएलए के पूर्वी थिएटर कमांड के प्रवक्ता नेवल सीनियर कैप्टन ली शी का कहना हो कि यह अभ्यास ताइवान जलडमरूमध्य में पीएलए की संयुक्त अभियान क्षमताओं का परीक्षण करने के उद्देश्य से किया गया है. मगर हकीकत तो यही है कि इस सैन्य प्रदर्शन से चीन ताइवान को डराना ही चाहता है.

चीन ने इस सैन्य अभ्यास का नाम ज्वाइंट स्वॉर्ड-2024बी रखा है. पीएलए ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता कैप्टन ली शी के मुताबिक, चीन का यह सैन्य अभ्यास ताइवान के उत्तर, दक्षिण और पूर्व और ताइवान जलडमरूमध्य में किए जा रहा है. इसका मकसद पीएलए की संयुक्त सैन्य अभियान क्षमताओं का परीक्षण करना है. इस सैन्य अभ्यास में समुद्र और हवा में युद्ध की तैयारी, प्रमुख बंदरगाहों और अन्य क्षेत्रों की नाकेबंदी करने की क्षमता पर चीन का फोकस है. चीन का कहना है कि यह ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाली ताकतों के अलगाववादी कृत्यों के लिए एक कड़ा संदेश है. चीन की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए यह एक वैध और आवश्यक अभियान है.

यह भी  पता    चला हे की   दरअसल, ताइवान के राष्ट्रपति लाई ने गुरुवार को अपने भाषण में कहा था कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के अधीन नहीं हैं और बीजिंग के पास ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है. इसके चार दिन बाद ही यह अभ्यास शुरू हुआ. ताइवान ने गुरुवार को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया. यह उत्सव चीन गणराज्य की स्थापना का प्रतीक है, . पिछले साल तो ताइवान ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया था.

चीन लड़ाकू विमानों  और युद्धपोतों के साथ अभ्यास कर रहा है. ताइवान का कहना है कि उसने 25 लड़ाकू विमान, सात नौसैनिक जहाज और चार अन्य जहाज देखे हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार सुबह एक एक पोस्ट में कहा कि 25 पीएलए विमान, सात पीएलएएन जहाजों और चार आधिकारिक जहाजों को सोमवार को सुबह 8 बजे तक ताइवान के आसपास संचालित होते हुए देखा गया. इनमें से 16 विमानों ने मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी में प्रवेश किया. बता दें कि बीजिंग ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में देखता है, जिसे जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक कब्जाने की बात करता रहा है. हालांकि, ताइवान के साथ अमेरिका समेत कई देश खड़े हैं. यही वजह है कि चीन की बौखलाहट और बढ़ गई है.

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