जालंधर :चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विधान है. नवरात्रि में अष्टमी-नवमी का खास महत्व होता है. अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल अष्टमी तिथि शनिवार को पड़ रही है. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 9 अप्रैल 2022 को है. चैत्र नवरात्रि में आठवें दिन आज मां महागौरी की पूजा की जाएगी. मां महागौरी की विधिवत पूजा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं. जानें नवरात्रि के आठवें दिन

वहीं कुछ भक्त अष्टमी तक व्रत रखकर नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं. लेकिन कई बार लोग अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर असमंजस में रहते हैं. आइए जानते हैं कि अष्टमी तिथि कब है और कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त और विधि क्या है.

पंचांग के मुताबिक इस बार अष्टमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार को पड़ रही है. अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. आज पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी. वहीं अष्टमी तिथि का समापन 10 अप्रैल सुबह 1 बजकर 23 मिनट पर होगा.

अष्टमी तिथि के दिन सुबह स्नान कर लें. माता की पूजा के लिए साफ कपड़े पहनें. पूजन के लिए एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाएं. इसके बाद वहां मां दुर्गा की तस्वीर रखें. फिर माता के आगे घी के दीपक जलाएं और मां को फूल अर्पित करें. पूजन के बाद मां दुर्गा की आरती करें.

कन्या पूजन के लिए 2-10 वर्ष की उम्र की कन्याओं को श्रद्धापूर्वक आमंत्रित करें. कन्याओं का घर में प्रवेश करते ही उन्हें बैठने के लिए उचित आसन प्रदान करें. इसके बाद दूध, गंगाजल या साफ जल से भरे थाल में उनके पैर धोएं. अब कन्याओं के माथे पर कुमकुम लगाएं. फिर उन्हें उनकी इच्छा अनुसार भोजन कराएं. कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें दक्षिणा या उपहार दें. इसके बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें.

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