जम्मू-कश्मीर में कई पूर्व आतंकी और अलगाववादी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अलगाववादियों और पूर्व आतंकियों ने एक नई पार्टी बनाई है जिसका नाम तहरीक-ए-अवाम रखा है। इस पार्टी में कई ऐसे नाम शामिल हैं जो आतंकियों से संबंध रखते हैं जानकारी के अनुसार 2001 में संसद पर हुए हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु का भाई एजाज अहमद गुरु इस पार्टी में शामिल है। बता दें कि संसद में हमला करने के चलते अफजल गुरु को 2013 में फांसी दी गई थी। ऐसे में एजाज अहमद गुरु का चुनावों में खड़े होना कोई आम बात नहीं है। वहीं दूसरी ओर हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के मरने के बाद पत्थरबाजी करने वाले सरजन बरकती के भी चुनावों में उतरने की चर्चा है। बता दें कि इस समय बरकती जेल में बंद है।
बताया जा रहा है कि इन पूर्व आतंकियों और अलगाववादियों का चुनाव लड़ने के पीछे बड़ा कारण है इंजीनियर राशिद। लोगों ने लोकसभा चुनावों में उमर अबदुल्ला के खिलाफ लड़ने वाले इंजीनियर राशिद को भारी वोट देकर जिताया था। इसी के चलते अब पूर्व आतंकियों और अलगाववादियों ने अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया है। अब देखना यह होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में जनता राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों को चुनती है या इन पूर्व आतंकियों और अलगाववादियों को अपना नेता बनाती है।