श्रीनगर : पूर्वोत्तर के तीन राज्यों नगालैैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश से आंशिक रूप से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम, 1958 (अफस्पा) हटाए जाने के बाद जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों विशेषकर जम्मू, सांबा व कठुआ से इसे हटाने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।अधिकारियों ने बताया कि परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के अपने प्रस्तावित दौरे के दौरान इसका एलान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह जरूरी नहीं कि एक साथ प्रस्तावित तीन जिलों से इसे हटाया जाए, चरणबद्ध तरीके से किसी एक जिले से इसकी शुरुआत की जा सकरी है। कश्मीर घाटी में अफास्पा 1990 और जम्मू संभाग में इसे अगस्त 2000 में लागू किया गया थाअटकलें हैं कि सकारात्मक राजनीतिक संदेश भेजने के लिए सरकार अगर कोई फैसला लेती है तो वह सिर्फ जम्मू में सुरक्षा हालात का विश्लेषण कर सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कश्मीर घाटी से अफस्पा वापस लेने पर किसी तरह के विचार की कोई संभावना नहीं हैजम्मू कश्मीर में भाजपा को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक संगठन समय-समय पर अफस्पा को हटाए जाने पर जोर देते रहे हैं। वर्ष 2010 में पहली बार अफस्पा को हटाए जाने को लेकर जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक एक माहौल बनता देखा गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जून 2010 को प्रदेश के कुछ हिस्सों से अफस्पा हटाए जाने का संकेत देते हुए कहा था कि इसमें संशोधन को लेकर केंद्र सरकार के स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है।

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