
डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा “खेल नैतिकता” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ विश्व दर्शन दिवस-2024 मनाया गया। संगोष्ठी में मेज़बान कॉलेज के साथ-साथ कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिष्ठित विद्वानों, विशेषज्ञों और छात्रों की उपस्थिति रही, जो खेलों में नैतिकता के महत्व पर विचार-विमर्श करने के लिए जुटे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खेलों के नैतिक आयामों की गहरी समझ को बढ़ावा देना और खेलों के अंतर्निहित मूल्यों और सिद्धांतों पर आलोचनात्मक सोच और चिंतन को प्रोत्साहित करना था। वरिष्ठ उप प्राचार्य
(कार्यवाहक) डॉ. एस.के. तुली, संयोजक- डॉ. मनु सूद और अन्य संकाय सदस्यों ने मुख्य अतिथियों एवं वक्ताओं का पुष्पांजलि से स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत “डी.ए.वी. गान” के पाठ से हुई। उप प्राचार्य डॉ. एस.के. तुली ने पवित्र दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने खेलों में नैतिकता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “खेल नैतिकता केवल जीत या हार के बारे में नहीं है, बल्कि उन मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में है जो मैदान पर और मैदान के बाहर हमारे कार्यों का मार्गदर्शन करते हैं।” संयोजक डॉ. मनु सूद ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया और विभाग की विभिन्न उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ. कंवलजीत सिंह, पूर्व प्रोफेसर एवं निदेशक खेल-गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर, और श्री रोहित पाराशर, पूर्व मुख्य कोच फुटबॉल, एनएसआईएनएस, पटियाला, भारतीय खेल प्राधिकरण थें। मुख्य वक्ताओं ने विचारोत्तेजक व्याख्यान और प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे प्रतिभागियों के बीच दिलचस्प चर्चाएँ और बहसें हुईं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि खेलों में नैतिकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जहाँ प्रतिभागी, दर्शक और अधिकारी उच्च स्तर की ईमानदारी, निष्पक्षता और सम्मान बनाए रखते हैं। नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के माध्यम से खेल संगठन धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने, एथलीटों के अधिकारों की रक्षा करने, सार्वजनिक विश्वास बनाए रखने और खेल के अनुभव को बढ़ाने के साथ-साथ निष्पक्ष खेल, सम्मान, खेल कौशल और सकारात्मक मूल्यों को बढ़ावा दे सकते हैं। मंच का संचालन डॉ. एसजे तलवार ने विवेकपूर्ण तरीके से किया। प्रोफेसर सौरभ राज ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव रखा और कार्यक्रम का समापन “राष्ट्रगान” के साथ हुआ। आयोजक प्रो. सौरभ राज, डॉ. अजय और डॉ. पुनीत पुरी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान दिया। संकाय सदस्य प्रो. एस.एस. रंधावा, डॉ. दीपक वधावन, प्रो. अमित, डॉ. कोमल सोनी, प्रो. गीतिका और डॉ. हिना ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ा
ई।