डीएवी कॉलेज, जालंधर ने दो व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया।
गत दिनों रसायन विज्ञान विभाग व जूलॉजी विभाग द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। रसायन विज्ञान विभाग द्वारा “केम ड्रा सॉफ्टवेयर और क्रोमैटोग्राफी” विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य वक्ता कार्बनिक संश्लेषण और सामग्री विकास के विशेषज्ञ डॉ. नवनीत कौर, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, पीयू थे। कार्यशाला के पहले चरण में डॉ. कौर ने समय बचाने और डेटा सटीकता बढ़ाने में केम ड्रॉ सॉफ्टवेयर के महत्व पर जोर दिया। छात्रों ने मुख्य वक्ता द्वारा दिए गए निर्देशों के साथ-साथ जटिल जैविक संरचनाएं बनाना सीखा। दूसरा सत्र अनुसंधान के लिए जैविक प्रक्रियाओं में पतली परत क्रोमैटोग्राफी और कॉलम क्रोमैटोग्राफी जैसी बुनियादी क्रोमैटोग्राफी तकनीकों की आवश्यकता पर केंद्रित था। डॉ. कौर ने फार्मास्युटिकल उद्योगों में इन तकनीकों के अनुप्रयोगों पर भी जोर दिया। विभागाध्यक्ष प्रो. शीतल अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए रसायन विज्ञान के क्षेत्र में शोध के लिए छात्रों में रुचि विकसित करने के लिए इन आयोजनों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभागीय डीबीटी समन्वयक प्रो. तनु महाजन, आयोजन समिति के सदस्य डॉ. पूजा, डॉ. सवनीत कौर और डॉ. शिल्पा सेतिया भी उपस्थित थे।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित दूसरी कार्यशाला ‘डेटा विश्लेषण और अनुसंधान के लिए जैव-सूचना विज्ञान-दृष्टिकोण’ विषय पर पीजी डिपार्टमेंट ऑफ जूलॉजी द्वारा आयोजित करवाई गयी। जैव सूचना विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी की विभिन्न तकनीकों के विशेषज्ञ डॉ गोविंद राम, स्नातकोत्तर जैव प्रौद्योगिकी विभाग, लायलपुर खालसा कॉलेज, जालंधर ने कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। विभागाध्यक्ष प्रो. पुनीत पुरी ने अपने स्वागत भाषण में जैव सूचना विज्ञान के दायरे के बारे में चर्चा की और इस तरह की अद्भुत कार्यशाला के आयोजन के लिए प्रो. पंकज बग्गा को बधाई दी। कार्यशाला में छात्रों को जैव सूचना विज्ञान और इसके महत्व के बारे में व्याख्यान दिया गया। उन्हें जैव-सूचना विज्ञान के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे उपकरणों का उपयोग करने के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। कार्यक्रम में संकाय सदस्य प्रो पूजा शर्मा, डॉ दीपक वधावन (विभागीय डीबीटी समन्वयक), डॉ ऋषि कुमार, डॉ. कपिला महाजन, डॉ. अभिनय ठाकुर, प्रो. शालू सेठी, प्रो. सुमन अत्री मौजूद रहीं।
इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्य प्रो. एस. के. उप्पल ने छात्रों को अपने निकट भविष्य में अनुसंधान का चयन करने के लिए प्रोत्साहित किया और इस तरह के अद्भुत प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन के लिए रसायन विज्ञान और जूलॉजी विभाग के सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी।

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