डीएवी, कॉलेज जालंधर के जूलॉजी विभाग द्वारा “कृषि आय बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन” विषय पर एक विशेष वार्ता का आयोजन किया। इस आयोजन के मुख्य वक्ता डॉ. अमित चौधरी, असिस्टेंट एंटोमोलॉजिस्ट, डिपार्टमेंट ऑफ एंटोमोलॉजी, पीएयू लुधियाना थे। डॉ. चौधरी को मधुमक्खी, उनकी व्यावसायिक खेती और उनके प्रबंधन में विशेषज्ञता प्राप्त है। आयोजन सचिव डॉ. अभिनय ठाकुर ने डॉ. चौधरी का स्वागत किया। इस वार्ता के दौरान डॉ. अमित चौधरी ने अनगिनत संख्या में ग्रामीण लोगों की आजीविका के लिए मूल्यवान शक्ति के स्रोतों के लिए मधुमक्खी पालन और संबंधित व्यापार पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण समुदायों में छोटे पैमाने पर मधुमक्खी पालन आजीविका सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने मधुमक्खी पालन को नवीनतम आंकड़ों के साथ एक व्यावसायिक उद्यम और बाजार की क्षमता के रूप में अच्छी तरह से वर्णित किया है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए समय पर की गयी पहल मूल्यवान दिशा प्रदान करेगी और कृषि और बागवानी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए संबंधित हितधारकों द्वारा उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी।

व्याख्यान में कॉलेज के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया। सत्र का समापन प्रतिभागियों और वक्ता के साथ एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. एस.के. अरोड़ा, वरिष्ठ उप-प्राचार्य एस.के.उप्पल, प्रो. पुनीत पुरी (एचओडी जूलॉजी) ने छात्रों को मधुमक्खी पालन पर उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया। प्राचार्य डॉ. एस.के. अरोड़ा ने इस तरह के अद्भुत व्याख्यान के आयोजन के लिए जूलॉजी विभाग के सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी। विभागीय डीबीटी समन्वयक डॉ. दीपक वधावन ने प्राचार्य डॉ. एस.के. अरोड़ा, शिक्षक, सहायक स्टाफ, मुख्य वक्ता, आयोजन सचिव और छात्रों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में विभाग के प्रो. पूजा शर्मा, डॉ. ऋषि जगोटा, डॉ. कपिला महाजन, प्रो. पंकज और प्रो. शालू सेठी के साथ साथ गैर-शिक्षण कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

 

 

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