जालंधर, 19 सितंबर

अपनी इंजीनियरिंग छात्राओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से डीएवी यूनिवर्सिटी जालंधर ने साइबर सुरक्षा पर एक 18-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यूनिवर्सिटी द्वारा यह कार्यक्रम कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत हनीवेल और आईसीटी एकेडमी के सहयोग से किया गया।

इस अवसर पर आईसीटी अकादमी द्वारा डीएवी यूनिवर्सिटी को सेंटर ऑफ एक्सलेन्स भी प्रदान किया गया।

इस पहल का लक्ष्य बी.टेक सीएसई, बीसीए, बी.एससी. में डिग्री हासिल करने वाली छात्राओं के कौशल को बढ़ाना था।

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति डॉ. मनोज कुमार के प्रेरणादायक संबोधन से हुई, जिन्होंने व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता के बारे में बताया।

कार्यक्रम के दौरान, आईसीटी अकादमी, एनसीआर के राज्य प्रमुख, श्री अभिनंदन पांडे ने अपने भाषण में साइबर सुरक्षा और साइबर अपराधों के बारे में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

उन्होंने साइबर हमलों से बचाव के उपायों पर भी रौशनी डाली। श्री पांडे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि साइबर सुरक्षा दुनिया भर के आधुनिक संगठनों के लिए चिंता का विषय है।

प्रशिक्षण के दौरान व्यापक चर्चा में साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें साइबर खतरे, साइबर अपराध के रूप, साइबर कानून, धोखाधड़ी और हैकिंग शामिल हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम ने आज के डिजिटल परिदृश्य में साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण महत्व पर महत्वपूर्ण जोर दिया।

श्री रवि शर्मा, प्रबंधक अकादमिक संचालन और श्री विशाल शर्मा, विशेषज्ञ प्रशिक्षक, आईसीटी अकादमी ने कहा कि सहयोगात्मक प्रयास शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में काफी मदद करेंगे।

सीएसए डिपार्टमेंट के कोर्डिनेटर डॉ. अरविंद महेंद्रू ने कहा कि डीएवी यूनिवर्सिटी तकनीकी रूप से सक्षम और सुरक्षित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

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