नई दिल्ली : दिल्ली बॉम्ब ब्लास्ट के पीछे बड़ी साजिश का शक जताया जा रहा है। स्पेशल फोर्स, NSG और FSL समेत कई टीमें मामले की जांच कर रही हैं। हालांकि अब इस मामले में एक नया खुलासा सामने आ रहा है। जांच एजेंसियां CCTV फुटेज खंगालने में जुटी हैं, जिसने पुलिस को भी कन्फ्यूज करके रख दिया है।

सूत्रों के अनुसार धमाके की सच्चाई का पर्दाफाश करने के लिए जांच एजेंसियों ने CCTV फुटेज खंगालना शुरू किया। इस दौरान पिछले 10 घंटे का CCTV फुटेज चेक किया गया। मगर हैरानी की बात तो यह है कि इसमें कुछ भी निकल कर सामने नहीं आया। CCTV फुटेज में पुलिस को कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नहीं दिख रहा है, जिसने CRPF स्कूल की बाउंड्री वॉल के पास कुछ रखा या फेंका गया हो।

CCTV फुटेज खंगालने के बाद जांच एजेंसियों का शक और भी ज्यादा बढ़ गया है। आखिर बम का एक्सप्लोसिव कब रखा गया? यह एक बड़ा सवाल बन चुका है। CCTV फुटेज से साफ है कि धमाके से कई घंटे पहले ही एक्सप्लोसिव रखा गया होगा। इसी के मद्देनजर पुलिस शनिवार के दिन और रात की CCTV फुटेज खंगालने में जुट कई है।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक CCTV फुटेज की मदद से 1-2 संदिग्धों को पकड़ा गया है। सफेद रंग की टीशर्ट पहने एक सस्पेक्ट धमाके से एक रात पहले मौके पर नजर आया था। दूसरे संदिग्ध को भी रात में CRPF स्कूल की दीवार के पास देखा गया था।

सूत्रों का कहना है कि बम को पॉलिथीन में रखा गया था। CRPF स्कूल की दीवार के पास आधे से एक फीट गहरा गड्ढा खोदा गया, जिसमें बम प्लांट किया गया था। इसके बाद गड्ढे को कूड़े से ढक दिया गया था, जिससे किसी को बम की जानकारी न हो सके। हालांकि बम पर टाइमर लगा था या फिर इसे रिमोट के जरिए ऑपरेट किया जा रहा था? इस पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है।

रोहिणी ब्लास्ट का वीडियो पाकिस्तान के टेलीग्राम चैनल पर सामने आया था। इस वीडियो में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ का वॉटरमार्क मौजूद था, जिसके बाद ब्लास्ट का कनेक्शन खालिस्तान और पन्नू केस से जुड़ने लगा है। अब दिल्ली पुलिस ने टेलीग्राम को मैसेज करके वीडियो पोस्ट करने वाले अकाउंट की डिटेल्स मांगी हैं।

 

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