नई दिल्ली : देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी राज्य की पुलिस ने अपने मुखिया के खिलाफ भी प्रदर्शन किया। धरना दे रहे पुलिसकर्मियों ने पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पुलिस कर्मी अब पुलिस आयुक्त इस्तीफा दो जैसी नारेबाजी कर रहे हैं। अमूल्य पटनायक को बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस मुख्यालय से बाहर ले जाया गया।

पुलिसकर्मियों ने ऐलान किया है कि कोई भी पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाद घर नहीं जाएगा। उनका कहना है कि उनके परिवार की महिलाएं और बच्चे भी इंडिया गेट पहुंच रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शाम तीन उनका मनोबल बढ़ाने के लिए इंडिया गेट भी जाना है।

  • धरने में करीब 10 हजार पुलिस कर्मी यह पहुंच चुके हैं।
  • शाम 6 बजे कैंडेल मार्च निकाल रहे हैं पुलिसकर्मी।
  • पुलिस कर्मियों की संख्या जैसे जैसे बढ़ती जा रही है उनमें रोष भी बढ़ता जा रहा है।
  • साकेत मामले में दो एफआईआर दर्ज कर ली गई।
  • सभी पुलिस अधिकारियों को बुलाने की मांग।
  • अभी- अभी एक और पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की सूचना।
  • पुलिसकर्मी उठा रहे है एसोसिएशन बनाने की मांग।
  • नारी हूं बेचारी नही जैसे नारे लगाती महिला पुलिसकर्मी।
  • रिटायर्ड एसीपी ने कहा- discipline  के वास्ते हमेशा पुलिसकर्मीयों को दबाया गया।
  • किरण बेदी का पोस्टर आते ही लगे शेरनी जिंदाबाद जैसे नारे
  • पुलिसकर्मियों का धरना फिलहाल खत्म होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि प्रदर्शन में रिफरेसमैंट बट रही है।
  • पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा संयम रखें, लेकिन पुलिसकर्मी सुनने को तैयार नहीं ।
  • सीपी अमूल्य पटनायक वापस गए, लेकिन प्रदर्शन जारी है।
  • धरना दे रहे पुलिसकर्मियों को शांति बनाए रखने की अपील करते हुए अमूल्य पटनायक ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पुलिस के लिए परीक्षा की घड़ी चल रही है।
  • हम सभी चुनौती पर पार पाते हैं: पटनायक
  • हमसे काफी उम्मीदें है, हम कानून के रखवाले हैं: पटनायक
  • सीपी के सामने हुई जबरदस्त हूटिंग।
  • सीपी ने कहा, इंतजार करें, न्यायिक जांच हो रही है
  • सभी अपनी अपनी ड्यूटी पर वापस जाएं, अपने साथियों के साथ ड्यूटी करें, वापस जाएं – पटनायक
  • सीपी पटनायक के संबोधन के दौरान होती रही नारेबाजी
  • सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो… इस तरह के नारे सीपी पटनायक के सामने लगे।
  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) दिल्ली की बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति के अध्यक्ष / सचिव को पत्र लिखकर हड़ताल वापस लेने की अपील की है।
  • वकीलों के खिलाफ पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि 72 साल में पहली बार हुआ है जब पुलिस प्रदर्शन कर रही है।
  • धरने की वजह से ट्रैफिक पुलिस ने आरटीओ से लक्ष्मीनगर जाने वाले रास्ते को डायवर्ट कर दिया है। पुलिस ने वाहन चालकों दिल्ली गेट और राज घाट की सड़कों से होकर जाने की सलाह दी है
  •  गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने दो नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक झड़प के मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
  •  दिल्ली बार काउंसिल ने मांग की है कि वकीलों के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान की जाए।

 यह है पूरा मामला 

तीस हजारी कोर्ट में हिसंक झड़प के बाद सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर एक बाइक सवार पुलिस कर्मी को वकील द्वारा पिटाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी ‘we want justice’ के स्लोगन के साथ नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए।

पुलिस के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब दिल्ली पुलिस अपने मुख्यालय के बाहर धरना दे रही है। सुबह 9 बजे से हजारों को संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान जोर जोर से शोर मचाते हुए प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शन के कारण आईटीओ पर भारी जाम लग गया है। मुख्यालय का गेट बंद कर दिया गया है। ना तो कोई ऑफिसर बाहर निकल पा रहे है और ना ही कोई बाहर से अंदर जा पा रहा है।

सुबह 9 बजे ही सेवानिवृत पुलिसकर्मियों के अलावा वर्तमान में दिल्ली पुलिस में तैनात पुलिस कर्मी और परिजन पुलिस मुख्यालय पहुंच गए थे। इनका कहना है कि हम भी इंसान हैं। हम पर हमला क्यों किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों की मांग है कि उनका मुखिया सुपर कॉप किरण बेदी और दीपक मिश्रा जैसा होना चाहिए।

वहीं तीसरी बटालियन के पुलिस कर्मियों का प्रदर्शन विकासपुरी में भी चल रहा है। दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन जो जेल से कैदियों को कोर्ट लाने ले जाने का काम करती है और कोर्ट में जो लॉकअप होते हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है। आज पूरी बटालियन के लोगों ने हाथों में काली पट्टी बांध ली है वे वकीलों की हिंसा का विरोध कर रहे हैं।

पुलिसकर्मियों की ये है मांग

  • सभी स्तर के जजों की पुलिस सुरक्षा वापस हो।
  • हिंसा में शामिल सभी वकीलों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चले।
  • हिंसा प्रभावित सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया जाए।
  • अदालतों से एवं वकीलों से असहयोग।
  • अदालतों से पूर्ण रूप से पुलिस सुरक्षा हटाई जाए।
  • ट्रैफिक पुलिस वकीलों के साथ कोई नरमी ना बरते।
  • वकीलों और उनके स्टाफ की दिल्ली के तमाम थानों एवं पुलिस कार्यालयों में एंट्री बंद हो।
  • पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए भी पुलिस प्रोटेक्शन एक्ट बने।
  • दिल्ली पुलिस अधिकारी एंव कर्मचारी संगठन फिर से बहाल हो।
  • दिल्ली की सरकार से कोई पुलिसकर्मी सहयोग ना ले।

बता दें कि दो नवंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग विवाद में पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद पुलिस का आरोप है कि सोमवार को भी साकेत कोर्ट में वकीलों ने पुलिसकर्मी को पीट दिया। इस मामले में पुलिसकर्मी व एक ऑटो चालक की पिटाई का वीडियो भी वायरल हो रहा है। तीस हजारी कोर्ट में हिंसक झड़प के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर दो पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। जबकि एक पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।