जालंधर: पंजाब में पिछले लगभग चार साल से किसी न किसी रूप में आन्दोलन चलाया जा रहा है , जिसे किसान आन्दोलन का नाम दिया गया है । यह आन्दोलन कृषि क्षेत्र में सुधार एवं सामान्य किसानों ,जिनके पास जमीन कम है , को राहत देने के लिए ही बनाए गए थे । कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ और पंजाब के किसानों की समस्या को गहराई से समझने वाले कृषि विशेषज्ञ डा० सरदारा सिंह जौहल ने भी इन कृषि बिलों का समर्थन किया था । लेकिन कुछ देशी तथा विदेशी शक्तियों को ये बिल रास नहीं आ रहे थे क्योंकि वे नहीं चाहतीं कि भारत के किसान भी समृद्ध हों । यदि भारत/पंजाब के किसान दालें तथा अन्य कृषि उत्पाद पैदा करने लगेंगे तो कनाडा इत्यादि देशों के दाल उत्पादक क्या करेंगे ? अभी उनकी दालें और तिलहन भारत को निर्यात की जा रही हैं और वहाँ के धन्ना सेठों की तिजोरी भर रही है ।
भारत तथा पंजाब विरोधी शक्तियाँ भारत तथा पंजाब का माहौल खराब करने पर तुली हुई हैं। यह देश विरोधी शक्तियाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करना चाहती हैं । यह लड़ाई किसानों की नहीं बल्कि WTO (विश्व व्यापार संगठन) की लड़ाई है। यह लोग किसानों की आढ़ में अपना लक्ष्य हासिल करने में लगे हैं। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा अरविन्द केजरीवाल द्वारा इन देश विरोधी ताकतों को प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने तथा देश में हालात बिगाड़ने के लिए सुपारी दी गई है। इसलिए यह किसानी आन्दोलन को लंबा खींचना चाहते हैं। किसानों को खुद नहीं पता कि उनके साथ क्या हो रहा है ? बंजाब सरकार अपना राजनैतिक हित साधने के चक्कर में किसानों के साथ अन्याय कर रही है और उसका दोष का केन्द्र सरकार पर मढ़ रही है । पंजाब की मंडियों में किसानों की 10,000 करोड़ रुपए की लूट हुई है, जबकि हरियाणा के किसानों को उनकी फसल की पूरी कीमत मिली है। यह आम आदमी पार्टी की सरकार के राजनेताओं, अधिकारियों तथा व्यापारियों का नैक्सस है।
किसानों का दुर्भाग्य है कि जो लोग अपने आप को किसानों के नेता कह रहे हैं , वे स्वयं नहीं जानते कि वे अनजाने में ही भारतीय विरोधी शक्तियों के जाल में फँस रहे हैं । उन शक्तियों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को घेर रखा है । कनाडा में बैठी भारत तथा पंजाब विरोधी शक्तियों ने किसानों द्वारा खनौरी बार्डर पर दिए जा रहे धरने पर कब्ज़ा कर लिया है और यह लोग किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो कि कैंसर पीड़ित हैं, को अब अपना अनशन समाप्त भीं नहीं करने देंगे । ये सब कनाडा के निज्जर ग्रुप के साथी हैं, जिनका वहां पर गुरुद्वारों में कब्ज़ा है, जो यहाँ पर आकर बैठे हैं। यह लोग डल्लेवाल की डाक्टरी जांच भी नहीं करने दे रहे। डल्लेवाल एक सुलझे हुए तथा ईमानदार नेता हैं और वे पूरी ईमानदारी से यही समझ रहे हैं कि वे किसानों के हित में लड रहे हैं ।भारतीय जनता पार्टी भी चाहती है कि किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए लेकिन किसान विरोधी लोग जिनका संचालन कनाडा की सरकार के सहयोग से हो रहा है , किसानों की समस्याओं के बहाने अपने राजनीतिक हित पूरे कर रहे हैं । जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत बहुत खराब है और उनका ईलाज होना चाहिए, जिसे ये कथित किसान समर्थक लोग रोक रहे हैं।
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