जगराओं: पंजाब में कुछ निजी स्‍कूलोंं में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन के बारे में विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है और यह सब पंजाब शिक्षा बाेर्ड की मंजूरी लिए बिना किया जा रहा है। एक साल से ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन को पंजाब के कई निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।एक निजी प्रकाशक की छठी कक्षा की पंजाबी की पुस्तक में इसे जगह दी गई है। हालांकि इस पुस्तक को लेकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से अनुमति नहीं ली गई है। ‘मोह दिया तंदा’ नामक पंजाबी पुस्तक में किसान आंदोलन को पांच पृष्ठ में एक चैप्टर के रूप में शामिल किया गया है।पुस्तक के लेखक व फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल्स एंड एसोसिएशन पंजाब के अध्यक्ष डा. जगजीत सिंह धूरी का कहना है कि पुस्तक को निजी प्रकाशक ग्लोबल लर्निंग सोल्यूशन ने प्रकाशित किया है। पिछले दो दशकों से पंजाबी पाठ्य पुस्तकों की सामग्री को संशोधित नहीं किया गया है। इसलिए इस पुस्तक को सिलेबस में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस किताब को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करवाने के लिए जल्द मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलेंगे।

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