नई दिल्लीः स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालयों से शिशु मृत्यु दर में हर साल लगभग 60,000-70,000 की कमी लाने में मदद मिली है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान, अमेरिका के शोधकर्ताओं सहित एक टीम ने 20 वर्षों के दौरान 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 600 से अधिक जिलों में किए गए राष्ट्रीय स्तरीय सर्वेक्षणों के आंकड़ों का अध्ययन किया। ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय की उपलब्धता और 2000 से 2020 तक पांच वर्ष से कम आयु के शिशुओं और बच्चों की मृत्यु में कमी के बीच संबंधों की जांच की गई।
परिणामों से पता चला कि जिला स्तर पर शौचालय तक पहुंच में औसतन 10 प्रतिशत अंकों का सुधार होने से शिशुओं की मृत्यु दर में 0.9 अंकों की कमी आई तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 1.1 अंकों की कमी आई। अध्ययन के लेखकों ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, भारत में शौचालय तक पहुंच और बच्चों की मृत्यु दर में संबंध रहा है। उन्होंने पाया कि किसी जिले में शौचालय तक पहुंच में 30 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि से शिशु और बच्चों की मृत्यु में पर्याप्त कमी आई।लेखकों ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों से शिशु मृत्यु दर में प्रति वर्ष 60-70 हजार की कमी आई है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि ये निष्कर्ष वैश्विक और दक्षिण एशियाई संदर्भों से प्राप्त साक्ष्यों के अनुरूप हैं, जिसमें सर्वेक्षणों के माध्यम से एकत्रित जनसंख्या-स्तर के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि बेहतर स्वच्छता से शिशु मृत्यु दर में संभावित रूप से 5-30 प्रतिशत की कमी आ सकती है।