: प्रदेश भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान जहां भाजयुमो का अपने प्रत्याशियों के प्रति कोई योगदान दिखाई नहीं दिया, वहीं बुरी तरह हार के बाद अब ऐसा लगता है कि प्रदेश भाजयुमो का संगठन ही गायब हो गया है। विधानसभा चुनाव के बाद न तो संगठन को लेकर कोई मीटिंग हुई और न ही हार की कोई समीक्षा की गई। प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष भानू प्रताप राणा पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वह संगठन को एकजुट करने में नाकाम साबित हुए हैं। यही कारण रहा कि विधानसभा चुनाव में वह युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने व वोटरों को लुभाने में बुरी तरह से विफल साबित हुए। न तो वह पार्टी के वर्करों व नेताओं को कोई प्रोग्राम दे सके और न ही उनमें एकजुटता ही पैदा कर पाए। उलटा जिन – जिन जिलों में संगठन एकजुट था, वहां भी संगठन दोफाड़ हो गया। चुनावों के दौरान कई युवा नेता पार्टी को अलविदा कह गए थे। अब बड़ी हार के बाद वर्करों का हौसला बुरी तरह से टूट चुका है और इन टूटे हौसलों से आने वाले नगर निगम चुनावों में संगठन कैसे काम कर पाएगा यह समझ से परे है। प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि अपनी वह पर्सनल ईंगो को लेकर संगठन में अपनी मनमर्जी चला रहे हैं, जिसे अन्य युवा नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। एक दिन पहले ही प्रदेश भाजयुमो मीडिया सह प्रभारी अर्जुन त्रेहन ने प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसका संगठन में बेहद बुरा असर पड़ा है और हाईकमान को ऐसा लगने लगा है कि पंजाब में युवा मोर्चा का संगठन संभल नहीं पा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि कई अन्य युवा नेता भी प्रदेश अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं और वह भी इस्तीफा देने के मूड में हैं। अगर ऐसा होता है तो इसका पूरे पंजाब में असर पड़ेगा और प्रदेश भर में युवा संगठन कमजोर हो जाएगा।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।