नई दिल्ली : देश की लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था और कथित Economic Slowdown के बीच World Bank ने भारत के GDP ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती कर दी है। विश्व बैंक ने संभावना जताई है कि 2019-20 वित्त वर्ष में भारत की विकास दर पांच फीसदी रहेगी। हालांकि, बैंक ने यह कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारत इसमें सुधार कर सकता है और यह आंकड़ा 5.8 तक पहुंच सकता है।
वर्ल्ड बैंक ने हालिया ‘Global Economic Prospects’ में कहा है कि भारत की तुलना में पड़ोसी देश बांग्लादेश आगे रहेगा। उसकी जीडीपी विकास दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि पाकिस्तान में यह चीज तीन फीसदी पर रहने की संभावना जताई गई है।
आगे विश्व बैंक ने बताया, “भारत में गैर-वित्तीय कंपनियों में उधार में कमजोरी रहेगी, जबकि 2019-20 वित्त वर्ष में विकास दर गिर कर पांच फीसदी रह जाएगी। अगले वित्त वर्ष में यह सुधार करते हुए 5.8 प्रतिशत पर पहुंचेगी।” दरअसल, बैंक ने इससे पहले अक्टूबर 2019 में अनुमान जताते हुए कहा था कि 2019-20 में भारती की विकास दर छह प्रतिशत रह सकती है।
‘भाजपा सरकार ने आर्थिक सुधार को ठंडे बस्ते में डाला’: मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर के पांच फीसदी रहने के अनुमान को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरूवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार ने आर्थिक सुधार को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
प्रियंका ने दावा भी किया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति को ठीक करने के लिए सरकार की तरफ से कोई विश्वसनीय कदम नहीं उठाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, ””अर्थव्यवस्था पर भाजपा सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए था लेकिन अब इसके सुधारने का मामला ठंडे बस्ते में बंद है।”
उन्होंने दावा किया, ”जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान बताते हैं कि हालात ठीक नहीं हैं और इसका सबसे ज्यादा असर व्यापार, गरीबों, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों और रोजगार पर पड़ रहा है सरकार की तरफ से कोई भी भरोसे लायक कार्यवाही नहीं हो रही है।”
5% आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान आशावादी- विश्लेषक: इसी बीच, मंगलवार को सरकार ने माना था कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत तक रह सकती है। इसके एक दिन बाद SBI के अर्थशास्त्रियों ने इस अनुमान को उम्मीद से ज्यादा बताया था। विश्लेषकों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने के सरकार अग्रिम अनुमान को आशावादी बताया है। उनका कहना है कि आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा सरकार के अनुमान से कम यानी 4.6 प्रतिशत तक रह सकता है।
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रह सकती है जो सरकार के अनुमान से काफी कम है। वहीं चालू बाजार मूल्य पर अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रह सकती है जो इसका 42 साल का निचला स्तर होगा। एसबीआई के नोट में कहा गया है कि हम चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 4.6 प्रतिशत कर रहे हैं।