दिल्ली:संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में गुरुवार (21 सितंबर) को महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया. सभी दलों ने इस बिल का समर्थन किया. बिल के समर्थन में 214 वोट और विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा. ये बिल बुधवार को लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पारित हो गया था.राज्यसभा में इस बिल पर प्रस्तावित सारे संशोधन भी गिर गए. लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े थे. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है. बिल पास होने पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने सभी को बधाई दी और साथ ही कहा कि ये संयोग ऐसा है कि हिंदू रीति विधि के अनुसार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. मैं उन्हें बधाई देता हूं. पीएम मोदी ने इस बिल के पारित होने पर कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में ये एक निर्णायक क्षण है. 140 करोड़ भारतीयों को बधाई. मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया. इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है. इसी के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं. ये ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए.राज्यसभा में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये बिल महिला सशक्तीकरण से संबंधित है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. साथ ही विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.

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