जालंधर :होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. पिंटू शर्मा एवं पंडित अविनाश गौतम ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार,गौरी, गणोश,कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप उपरांत विधिवत मां बगलामुखी जी का पूजन किया। इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतिया डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने बताया कि युगों-युगांतर से ऐसा माना जाता है कि जीवन में सफ़लता पाने के लिए कर्म ही सबसे पहला और बड़ा रास्ता है इसलिए इंसान को फल की इच्छा किये बगैर कर्म करना चाहिए, याद रहे, ज़िंदगी तनाव, दुखों और परेशानियों से तभी तक भरी है, जब तक आप ज़िंदगी के मूल को समझ नहीं लेते। नवजीत भारदज ने कहा कि ये बात भी सच है कि अब लोगों को लगने लगा है कि इस जीवन का कोई मोल नहीं और ये निर्थक है, शायद इसीलिए वे ज्ञान की सारी बातें भूल और कर्म के पथ से भटक कर ऐसे बहुत से निर्थक कर्म करने लगते हैं, जो उनकी ज़िंदगी के लिए परेशानियों का सबब बन जाता है। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि अगर सच में आप अपने जीवन को सफ़ल बनाना चाहते हैं और ज़िंदगी को बिना किसी तनाव और परेशानी से जीना चाहते हैं, तो एक बार परमात्मा के विचारों पर खुद विचार कीजिए और अपना कर देखिये, जीवन सफ़ल और एकदम आनंदमय हो जाएगा। उन्होने आखिर में कहा कि हर काम का फल मिलता है इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है तथा विषयों का चिंतन करने से विषयों की आसिक्त होती है। आसिक्त से इच्छा उत्पन्न होती है और इच्छा से क्रोध होता है। क्रोध से सम्मोहन और अविवेक उत्पन्न होता है। जो भी मनुष्य अपने जीवन, आध्यात्मिक ज्ञान के चरणों के लिए दृढ़ संकल्प में स्थिर है, वह सामान्य रूप से संकटों के आक्रमण को सहन कर सकते हैं और निश्चित रुप से खुशियां और मुक्ति पाने के प्रयत्न हैं।

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