नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पेरारिवलन की समय पूर्व रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ था। कोर्ट का फैसला आने के बाद नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग जाएगी।इसके पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल से ज्यादा कारावास की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था। कोर्ट में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं।2016 और 2018 में जे. जयललिता और ए. के. पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

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