जालन्धर :राजेश्वरी कला संगम एवं एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर के संयुक्त सौजन्य से योगेश्वर
कृष्ण की लीलाओं को समर्पित;कृष्णम नृत्य-नाटिका का आयोजन बड़े ही शानदार ढंग से किया
गया। इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जालंधर के माननीय डिप्टी कमिश्नर डॉ
हिमांशु अग्रवाल,आईएएस उपस्थित हुए। एपीजे एजुकेशन जालंधर की निदेशक डॉ सुचरिता
शर्मा ने डॉ हिमांशु अग्रवाल एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि मुझे
हार्दिक प्रसन्नता है कि आज श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी विभिन्न लीलाओं की संगीतमयी एवं
नाटकीय प्रस्तुति के आप प्रत्यक्ष साक्षी बनेंगे। उन्होंने कहा कि एपीजे एजुकेशन के संस्थापक
अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी ने राजेश्वरी कला संगम की स्थापना भारतीय कला,संस्कृति एवं भारत
की समृद्ध धरोहर को सहेजने के लिए ही की थी। डॉ सत्यपाॅल जी स्वयं भगवान कृष्ण के अनन्य
भक्त और उपासक थे। आज इसी विरासत का संरक्षण एवं संवर्द्धन उनकी सुपुत्री श्रीमती सुषमा
पॉल बर्लिया अध्यक्ष एपीजे एजुकेशन,चांसलर एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी एवं अध्यक्ष एपीजे
सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप एवं उनकी सुपुत्री जॉइंट सेक्रेटरी एपीजे एजुकेशन डॉ नेहा बर्लिया बड़ी
तन्मयता एवं लग्न से कर रही है। डॉ हिमांशु अग्रवाल एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का
अभिनंदन करते हुए डॉ सुचरिता शर्मा ने कहा कि मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि आज श्री कृष्ण के
१६ कला संपूर्ण अस्तित्व की आनंदमयी अनुभूति को आप अपने अंदर गहराई से अनुभव करेंगे।
उन्होंने कहा मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कृष्णम; नृत्य-नाटिका की सफल प्रस्तुति
में संगीत रचना,गायन,वादन,नाटकीय प्रस्तुति,कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग एवं स्क्रीन विजुअल
डिजाइनिंग सब कुछ हमारे कॉलेज के टीचर्स और विद्यार्थियों द्वारा ही किया गया है;क्योंकि
एपीजे एजुकेशन का उद्देश्य ही जहां एक तरफ प्रतिभावान विद्यार्थियों की प्रतिभा को तलाशते
हुए उनको एक ऐसा मंच प्रदान करना है ताकि वे क्षेत्र विशेष में अपनी पहचान राष्ट्रीय एवं
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बना सके, वहां दूसरी और आज की युवा पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति का
ज्ञान प्रदान करना है जो इंटरनेट की दुनिया से सूचनाओं का ढेर तो इकट्ठा कर रही है पर उन्हें
अपनी संस्कृति,धर्म और कला के बारे में ही ज्ञान नहीं है।;कृष्णम;नृत्य-नाटिका की मनमोहक
प्रस्तुति में ;कृष्ण जन्म ;कृष्ण द्वारा कालिया मर्दन राधा-कृष्ण प्रेम की पावनता,;कृष्ण की
गोपियों संग रासलीला एवं होली खेलने का प्रसंग पांडव द्यूत क्रीडा कृ ;ष्ण अपने सिर पर मोर पंख क्यों धारण
करते हैं और कृष्ण द्वारा बांसुरी धारण करने की पवित्र कथा की अलौकिक प्रस्तुति दिखाई गई।
कृष्णमकी शानदार प्रस्तुति से अभिभूत डॉ हिमांशु अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए
कहा कि आज तक मैंने जितने भी संस्थाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे हैं मेरी नजर में यह
श्रेष्ठतम है उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी
निश्चित रूप से भाग लेना चाहिए ताकि उनके व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास हो सके। डॉ अग्रवाल
ने कहा हमें भगवान कृष्ण की जिंदगी धैर्य, बड़ों का सम्मान एवं हर समय सकारात्मक दृष्टिकोण
रखते हुए जिंदगी में आगे बढ़ने की सीख हमें देती है
प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एपीजे एजुकेशन के संस्थापक
अध्यक्ष डॉ सत्यपाल जी ने राजेश्वरी कला संगम के माध्यम से कला की सृजनात्मक शक्ति को नए
आयाम देने की कोशिश की थी आज उनकी उसी समृद्ध परंपरा को सहेजे हुए उनकी सुपुत्री
श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया एवं एपीजे एजुकेशन की जॉइंट सेक्रेटरी डॉ नेहा बर्लिया अपनी पूरी
निष्ठा एवं लगन से उसे भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में तत्पर है। डॉ ढींगरा ने कहा मैं विशेष रूप से
आभार व्यक्त करना चाहती हूं डॉ हिमांशु अग्रवाल उनके माता-पिता श्रीमती शकुंतला अग्रवाल
एवं श्री सुरेंद्र अग्रवाल जी का जो अपने कीमती समय में से समय निकालकर हमारे पास विशेष
रूप से पधारे।उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहूंगी एपीजे एजुकेशन की
निदेशक डॉ सुचरिता शर्मा जी का जिनकी अनथक मेहनत,प्रेरणा एवं दूरदृष्टि से हम ;कृष्णाम
नृत्य नाटिका की भावपूर्ण प्रस्तुति देख पाए हैं उन्होंने एपीजे एजुकेशन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के
सदस्य श्री निर्मल महाजन का भी आभार व्यक्त किया एवं कृष्णमनृत्य नाटिका में भाग लेने वाले
सभी विद्यार्थी कलाकारों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने ;कृष्णम नृत्य नाटिका की
अपार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक मैं एपीजे कॉलेज आफ फाइन
आर्ट्स जालंधर के कल्चरल कोऑर्डिनेटर डॉ अरुण मिश्रा, यूथ फेस्टिवल डीन डॉ अमिता मिश्रा,
डॉ विवेक वर्मा, डॉ मनीषा शर्मा डॉ मिक्की वर्मा का आभार व्यक्त न करूं तो बात अधूरी ही रहेगी
क्योंकि इन्होंने जिस तरह दिन-रात मेहनत करके;कृष्णम नृत्य- नाटिका की मंच पर प्रस्तुति के
लिए विद्यार्थियों को तैयार किया है वह वास्तव में सराहनीय है। मुख्य अतिथि डॉ हिमांशु
अग्रवाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया एवं ;कृष्णम नृत्य नाटिका में भाग लेने वाले
८६ विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत
कौर ने श्रेष्ठ मंच संचालन करते हुए 'कृष्णम' की प्रस्तुति को चार चांद लगा दिए।