जालंधर, 11 सितम्बर
राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं अथारिटी और पंजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी के निर्देशों अनुसार ज़िला और सैशनज़ -जज -कम चेयरमैन ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी, जालंधर रुपिन्दरजीत चहल की योग्य रहनुमाई में ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी, जालंधर की तरफ से शनिवार को जुडीशियल अदालतों में लम्बित दीवानी, वैवाहिक झगड़े, मोटर दुर्घटना दावा मामलों, बिजली कानून के कम्पांऊडेबल मामलों, ट्रैफ़िक चालान और फ़ौजदारी के समझौता हो सकने वाले मामलों और अन्य संस्थाओं जैसे बैंकों, बिजली विभाग, भारत संचार निगम और वित्तीय संस्थानों के प्रीलिटीगेटिव मामलों का फ़ैसला राज़ीनामे के द्वारा करवाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए ज़िला और सैशनज़ जज ने बताया कि ज़िला जालंधर में 18, नकोदर में 3 और फिल्लौर में 1, कुल 21 बैंच स्थापित किये गए थे, जिनमें उपरोक्त श्रेणियों के साथ सम्बन्धित कुल 7525 केस सुनवाई के लिए रखे गए थे, जिनमें से 1369 मामलों का निपटारा मौके पर ही राज़ीनामे के द्वारा करवाया गया। इन मामलों में कुल 260289295 (26 करोड़ 2लाख 89 हज़ार 295) रुपए के झगड़ों का निपटारा किया गया।
ज़िला और सैशनज़ जज रुपिन्दरजीत चहल की तरफ से जालंधर में लगाए गए 18 बैंचा का निरीक्षण किया गया। उनके साथ सी.जे.एम. -कम -सचिव ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी जालंधर डा. गगनदीप कौर भी मौजूद थे।
इस लोक अदालत की विशेषता यह रही कि एक 61 वर्षीय औरत के तलाक केस में अदालत की कोशिशों से दोनों पक्ष फिर से इकठ्ठा रहने के लिए राज़ी हो गए। चैक बाऊंस के चार केस, जो कि 2005 से पैंडिंग थे, का निपटारा भी लोक अदलात के द्वारा करवाया गया।लोक अदालतों की महत्ता के बारे में बताते हुए जिला और सैशनज़ जज ने बताया कि लोक अदालतों का उदेश्य लोगों को जल्दी और सस्ता न्याय दिलाना है। लोक अदालत का फ़ैसला अंतिम होता है और इसके फ़ैसले के ख़िलाफ़ कही भी अपील नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि लोक अदालतों के द्वारा झगड़ों का फ़ैसला होने से कोई भी पक्ष हारता नहीं बल्कि दोनों पक्षों की जीत होती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालतों के द्वारा फ़ैसले करवाने के साथ पैसे और समय की बचत होती है और भाईचारा भी बढ़ता है।ज़िला और सैशनज़ जज ने यह भी बताया कि आगे वाली राष्ट्रीय लोग अदालत तारीख़ 11.12.2021 को जालंधर नकोदर औरं फिल्लौर में लगाई जायेगी। जो लोक अपने अदलाती झगड़ों का निपटारा लोग अदालत के द्वारा करवाना चाहते है,वह अपनी दरख़ास्त सम्बन्धित अदालत को दे सकते है।
आज की लोक अदालतों की जालंधर में अध्यक्षता श्री तेजविन्दर सिंह प्रीज़ाईडिंग अधिकारी, इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल,  तरनतारन सिंह बिंद्रा,  युक्ति गोयल, राणा कंवरदीप कौर (समूह माननीय अतिरिक्त ज़िला और सैशनज़ जज),  बी.ऐस. दयोल, चेयरमैन स्थायी लोग अदालत (जन उपयोगी सेवा), सुषमा देवी, सिवल जज (सीनियर डवीज़न),  शमिन्दर पाल सिंह,  मनमोहन भट्टी, दमनदीप कमलहीरा,  आर.ऐस.तेजी,  भुपिन्दर मित्तल, मैडम शिल्पा सिंह,  रवीन्द्र सिंह राना, हिना अग्रवाल,  मनु सिंगला, अमनदीप कौर और प्रभजोत कोर (समूह सिवल जज साहिबान), फिलौर में  जसबीर सिंह, सिवल जज फिलौर और नकोदर में बलजिन्दर कौर, ऐस.डी.जे.ऐम नकौदर, खुशदीप कौर और राजबिन्दर कौर, सिवल जज नकोदर की तरफ से गई। इस अवसर पर सी.जे.एम. डा. गगनदीप कौर ने बताया कि कानूनी सेवाएं अथारिटी की तरफ से समय -समय पर यह लोग अदालतों में करवाई जाती है, जिससे आपसी बातचीत के द्वारा समझौता हो कर सभ्यक हल के द्वारा झगड़े का निपटारा किया जा सके। लोक अदालत में मामला लगवाने के लिए और कानूनी सेवाओं की अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी लेने के लिए पंजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी के टोल फ्री नंबर 1968 पर संपर्क किया जा सकता है ।

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