वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश कर रही हैं। इस बार भी बजट को डिजिटल रूप से बनाया गया है। वित्त मंत्री तीसरी बार डिजिटल बजट पेश कर रही हैं। साल 2020 में कोरोना आने के बाद देश में व्यापक रूप से डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया गया। वित्त मंत्री ने साल 2021 में पहली बार डिजिटल बजट पेश किया था। इसके बाद लगातार बजट को डिजिटल ही रखा गया। इस बार भी वित्त मंत्री डिजिटल बजट पेश कर रही हैं।

 

साल 2020 में आखिरी बार वित्त मंत्री ने हार्ड कॉपी के जरिए बजट पेश किया था। इसी साल कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इसके बाद सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि बगैर किसी के संपर्क में आए कैसे बजट को बनाया जाए। कैसे बजट की तैयारी हों। इसके लिए सरकार ने बजट का डिजिटलीकरण कर दिया और साल 2021 में पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल बजट पेश किया।

 

कैसे होता है तैयार बजट

बजट पर सरकार करीब 3 महीने पहले ही काम करना शूरू कर देती है। वित्त मंत्री कई अलग-अलग संगठनों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के साथ बैठकें करती हैं और उनसे बजट के संबंध में चर्चा करती हैं। जनवरी की शुरूआत में बजट की प्रक्रिया औपचारिक तौर पर शुरू हो जाती है और बजट पेश होने से करीब 15 दिन पहले सभी अधिकारी बजट की तैयारियों में लग जाते हैं। हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट की छपाई शुरू हो जाती है। इन दिनों बजट बनाने वाले अधिकारी अपने परिवार से पूरी तरह कट जाते हैं और जब तक बजट पेश नहीं हो जाता तब तक बाहर नहीं आते। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बजट किसी सरकार का पूरे साल का दस्तावेज हो जाता है। जिसमें सरकार अगले साल तक अपना-पूरा लेखा-जोखा रखती है। बजट से संबंधित कोई भी जानकारी बाहर न आए इसलिए अधिकारी और बजट की छपाई करने वाले कर्मचारियों को अंदर ही रखा जाता है

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