श्री चैतन्य महाप्रभु राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में अन्नकूट महोत्सव श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। संकीर्तन का शुभारंभ पुजारी दीनार्ति हर दास, कन्हाई दास, केवल कृष्ण, अमित चड्डा, राजेश शर्मा, गौर, कृष्ण गोपाल विधान अरोड़ा व गोपाल अग्रवाल द्वारा गुरु वंदना और वैष्णव बंदना द्वारा किया गया ।

मंदिर के जनरल सेक्टरी राजेश शर्मा ने गोवर्धन के इस धरातल पर अवतरित होने के बारे में बताया कि राक्षसों द्वारा किए गए पापों का बोझ सहन करने में असमर्थ होने के कारण पृथ्वी देवी ब्रह्मा जी के पास गई और उनसे रक्षा के लिए प्रार्थना की। ब्रह्मा जी सभी देवताओं के साथ लेकर ‘क्षीर सागर’ में भगवान विष्णु के पास जायेंगे और सब ने वहाँ जाकर भगवान् से रक्षा करने के लिए प्रार्थना की। तब इस जगत में प्रकट होने की भगवान की इच्छा हुई। उन्होंने श्रीमती राधारानी को पहले इस संसार में अवतरित होने के लिए कहा, किन्तु उन्होंने कहा, ” जहाँ यमुना और गोवर्धन नहीं हैं, ऐसे स्थान पर मेरी जाने की इच्छा नहीं है।” उनकी बात सुनकर, भगवान कृष्ण ने अपने 84 कोस के अप्राकृत गोलोक धाम को इस संसार में अवतरित किया और गोवर्धन को शाल्मली-द्वीप नामक स्थान पर द्रोण पर्वत के पुत्र के रूप में प्रकट किया।

गिरिराज धरण मैं तो तेरी शरण, श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहयो, व हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन में सभी भाव विभोर हो गए ।

संकीर्तन में संजय सहगल, बाबा हेनरी, अमरजीत सिंह अमरी, अश्विनी अग्रवाल, नरिंदर गुप्ता, कपिल देव शर्मा, अजय अग्रवाल, मिंटू कश्यप, राजीव ढींगरा, ओम भंडारी, नवल ठुकराल, सन्नी दुआ, हेमंत थापर, मनोज कौशल, राकेश चोपड़ा, ललित अरोड़ा, जगन्नाथ शर्मा, अम्बरीष, पुरुषोत्तम, परमजीत, संजय पांडे, आशीष खुराना, चेतन सोंधी, माधव, राजू खन्ना, करणवीर, विशाल भल्ला, गणेश अरोड़ा, प्रहलाद, संजीव खन्ना, राधावल्लभ, नीरज कोहली, व अन्य मौजूद थे |

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