श्री चैतन्य महाप्रभु श्री राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में आज श्री राधा अष्टमी महा महोत्सव बड़े श्रद्धा पूर्वक और हर्षोल्लास से मनाया गया । संकीर्तन का प्रारंभ श्री केवल कृष्ण जी, श्री अमित चड्डा, राजेश शर्मा, मनोज कौशल, पुजारी श्रीनिवास और ऋषिकेश कौशल ने मंगलाचरण और गुरु वंदना से किया । राधा नाम संकीर्तन की ध्वनि से सारा वातावरण गुंजायमान हो रहा था । केवल कृष्ण जी ने बताया की राधा जी का प्राकट्य ब्रजमंडल के अंतर्गत रावल ग्राम में हुआ । राधा जी के पिताजी श्री वृषभानु महाराज एक दिन यमुना जी के किनारे ध्यान में निमग्न थे । यमुना जी में एक बहुत बड़ा कमल का फूल बहता हुआ आया और वृषभानु महाराज के पास आकर रुक गया । वृषभानु महाराज ने उस फूल को उठाया और बाहर रखा । जैसे ही कमल का फूल बाहर रखा उसकी पंखुड़ियां खुल गई और बीच में एक सुंदर सी कन्या प्रकट हुई । वृषभानु महाराज के कोई संतान नहीं थी । उन्होंने महल में आकर उस कन्या को अपनी पत्नी कीर्तिदा सुंदरी की गोद में रख दिया । त्रिभुवन में उस कन्या के प्रकट होने से आनंद का वातावरण छा गया । इसलिए उस कन्या का नाम राधा हुआ । इस अवसर पर रेवती रमण गुप्ता कपिल शर्मा सनी दुआ करतार सिंह और नीरज कोली ने संकीर्तन के द्वारा सब को आनंदित कर दिया । 12:00 बजे राधा रानी जी का प्रकट कालीन अभिषेक हुआ । दूध दही घी शहद शक्कर और नारियल पानी से पुजारियों ने राधा जी का अभिषेक किया । सभी भक्तों ने अभिषेक के बाद राधा जी के चरण दर्शन किए । वर्ष में एक बार ही आज के दिन राधा जी के चरण दर्शन होते हैं । अंत में राजेश शर्मा ने सभी के साथ मिलकर *मन भूल मत जइयो राधा रानी के चरण* और *आज तो बधाई बाजे वृषभानु भवन में* संकीर्तन किया ।
यहां पर नरेंद्र गुप्ता, राजकुमार जिंदल, टी एल गुप्ता, डॉ अश्वनी मल्होत्रा डॉ प्रिंसी मल्होत्रा, डा वरुण वासिल अजीत तलवार, मिंटू कश्यप चंद्रमोहन राय , अजय अग्रवाल, राजीव ढींगरा, गगन अरोड़ा, विकास ठुकराल, विजय सग्गड़, संजीव खन्ना, ओम भंडारी, हेमंत थापर, तापस मानव, विजय मक्कड़, कृष्ण गोपाल ,जगन्नाथ, अमरीश, गौर, माधव, नरेंद्र कालिया, रविंद्र भाखड़ी और अरुण गुप्ता उपस्थित थे