श्री बांके बिहारी भागवत प्रचार समिति द्वारा की ओर से पटेल चौक स्थित साई दास स्कूल की ग्राउंड में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथाश्रीमद भागवत कथा का छठा दिन समारोह का शुभ आरम्भ संयुक्त रूप से कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी महाराज और मुख्य यजमान के रूप मे उपस्थित ठाकुर प्रेमियों ने अपने परिवार के साथ उपस्थित हो कर दीप प्रज्वलित कर ठाकुर जी की आरती के साथ कर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया ।
कथा वाचक आचार्य श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी महाराज ने भक्तों को बताया कि कंस के अत्याचारों से त्रस्त मथुरा वासियों को भगवान श्रीकृष्ण ने मुक्त किया और सत्य की विजय का संदेश दिया।
स्वामी जी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोपियों के साथ उनके दिव्य रास का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान की मुरली की धुन सुनकर गोपियां खिंची चली आती थीं। श्री कृष्ण ने अपने जीवन में 16108 विवाह किए और उन सभी नारियों का उद्धार किया जो विभिन्न संकटों में थीं। द्वारिका नगरी भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यता और वैभव का प्रतीक है।
कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को जहां कारागार से मुक्त कराया, वही कंस के द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा था, उन्हें भी श्रीकृष्ण ने मुक्त कराकर मथुरा के सिंहासन पर बैठाया।
भागवत कथा के दौरान बड़ी संख्या में महिला पुरुषों की भीड़ थी। पूरा पंडाल जय श्री कृष्णा,राधे राधे के उद्घोष से गुंजायमान हो रहा था।इस शुभ अवसर पर हज़ारों की संख्या में ठाकुर प्रेमी उपस्थित रहे ।

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