श्री हरिमंदिर साहिब में हुई नक्काशी में से कई कीमती नग गायब होने का मामला सामने आया है। यहां पर करीब 150 साल पहले नक्काशी का काम किया गया था और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए कई कीमती नग भी जड़े गए थे।

जानकारी प्रबंधकों के पास भी नहीं है

विभिन्न रंगों के साथ की गई नक्काशी में फूल और पत्तियां आदि बनाने के साथ ही उनमें लाल, हरे, पीले और सफेद आदि रंगों के नग जड़े गए थे। अब गायब हो गए हैं। आशंका है कि नग शीलन के कारण गिर गए हैं। हालांकि उसके बाद उनका क्या हुआ, इसकी जानकारी प्रबंधकों के पास भी नहीं है।

पिछले कुछ समय में सीलन के कारण न केवल यहां की दीवारों पर हुई नक्काशी पर असर पड़ा है बल्कि सोने के पत्तरों (चादर) पर भी असर हुआ है। इसी कारण नक्काशी में लगे कई नग भी झड़ गए और इनमें से एक भी नग प्रबंधकों के पास उपलब्ध नहीं है।

लोगों से जानकारी हासिल की जाएगी

श्री हरिमंदिर साहिब के प्रबंधक सुल्लखण सिंह भंगाली ने कहा कि उन्होंने 18 मार्च से चार्ज संभाला है। इस बारे में हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह सहित कुछ अन्य लोगों से जानकारी हासिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि रात के समय फर्श की सेवा करने वालों ने कुछ गिरी हुई सामग्री की संभाल की हुई है।

 

जो नग घटे हैं उनकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 मार्च को गुरु नानक निष्काम सेवा जत्था बर्मिंघम को सोने के पत्तरों और नक्काशी की सेवा का काम सौंपा गया है। नक्काशी की संभाल भी जल्द की जाएगी।

 

करीब डेढ़ सदी से भी ज्यादा पुराने हैं

 

वहीं नगों के व्यापारी राकेश कुमार का कहना है कि यहां हुई नक्काशी में जो नग लगाए गए हैं, वह करीब डेढ़ सदी से भी ज्यादा पुराने हैं। नग जितने पुराने हों, उतने की कीमती होते हैं। ऐसे नग बाजार में उपलब्ध नहीं हो सकते। नगों का गायब होना बड़ी लापरवाही है।

 

 

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