जालंधर/विनोद मरवाहा
श्री राधा कुंज बिहारी सेवा समिति के तत्वावधान में विश्व विख्यात कथा वाचक पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भया जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे। श्री कृष्ण जन्म की खुशी में कथा स्थल को विशेष रूप से सजाया गया था। नन्हें बालक को कृष्ण के रूप में सजाकर पंडाल में लाते ही जय कन्हैयालाल के जयकारे गूंज उठे। भक्तों ने बाल कृष्ण को दुलार किया।
उसके बाद महाराज श्री द्वाराअपने मुखारविंद से वामन अवतार, श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया गया। श्री इंद्रेश जी महाराज ने बताया कि कंस की कारागार में वासुदेव- देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ जेल के ताले टूट गए, पहरेदार सो गए। वासुदेव देवकी बंधनमुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते है। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था। श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया। महाराज जी ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तब प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि जब जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं। श्री महाराज ने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे कभी भी विमुख नहीं होना चाहिए।
इस कार्यक्रम के यजमान विनय कपूर, कपिल कुमार, कमल मल्होत्रा, विनीत भंडारी, विनीत जोशी, श्री केदारनाथ लंगर कमेटी, जोगिन्दर सिंह जौड़ा सेवा, सुभाष पठानिया जल सेवा रहे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में करण किशन गोस्वामी, श्री स्नेह बिहारी मंदिर वृन्दावन, स्वामी गंगा दास जी जम्मू,
स्वामी हरी ओम जी, स्वामी बंसी दास जी, स्वामी कृष्णानंद जी भूरी वाले, स्वामी महेश जी अलावलपुर मौजूद थे।
इस अवसर पर कथा सुनकर संजीव वर्मा, मेजर अरोड़ा, गौरव भल्ला, विशाल चौधारी, ईशु महेंद्र, राहुल महेंद्र, कृष्ण गोपाल बेदी, पवन वारने, अशोक शर्मा, पार्थ सारथी, मनजीत वर्मा, राकेश ठाकुर, अभिषेक वर्मा, निश्चय वर्मा, गौरव तयाल, मनी कनौजिया (कालू), जितेंद्र वर्मा, जिनेश, जितेंद्र अरोड़ा, रोहित वधवा, एडवोकेट रवीश मल्होत्रा, कमलजीत मल्होत्रा, विजय आनंद, संजय आनंद, राहुल चावला, हर्ष शर्मा, अमित वर्मा, अनिल भल्ला, राम आनंद, संजीव शर्मा, सुधीर शर्मा, ओम कपूर सहित कई गणमान्य अतिथि भाव विभोर हो गए।

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