जालंधर : संगीत हमारी भावनाओं और आत्मा से जुड़ा हुआ है। हर इंसान है
मन की शांति पाने के लिए संगीत से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। यह
मतलब संगीत मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।
हमारे समाज में संगीत को बढ़ावा देना और इसके महत्व को बताना
हमारे युवा, हरिवल्लभ संगीत महासभा जालंधर द्वारा आयोजित all
हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन 'हर साल श्री देवी तालाब मंदिर में।
वे पिछले 143 वर्षों से इस सम्मलेन का आयोजन कर रहे हैं। इस समय
उन्होंने 144 वें हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन की मेजबानी की है। अब यह
Sammelen को इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है।
भगवान की कृपा से, इस बार एकलव्य स्कूल को एक सुनहरा मौका मिला है
इस प्रतिष्ठित पर सरस्वती वंदना और हरिवल्लभ वंदना करें
स्टेज। एकलव्य स्कूल के नवोदित गायकों ने हरिवल्लभ में प्रस्तुति दी
मंच और जादू ने अपनी मधुर आवाज से दर्शकों को बांधे रखा।
सभी ने गीत और रचना की सराहना की
छात्रों द्वारा गाया गया वंदना। संगीत के कई प्रसिद्ध कलाकार
मैदान दर्शकों में मौजूद थे। उन्होंने गायन की भी सराहना की
एकलव्य के। कुछ लोग बहुत कम सुन रहे थे और उन्होंने दिया
प्रत्येक छात्र के लिए व्यक्तिगत पूरक। छात्रों को मिला
उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्रशंसा पुरस्कार और नकद पुरस्कार।
हरिवल्लभ महासभा के सदस्यों ने छात्रों को सम्मानित किया
माला और एक खूबसूरत मोमेंटो। यह बहुत बड़ा और यादगार है
एकलव्य के लिए उपलब्धि।
अध्यक्ष श्री जे.के.गुप्ता, निदेशक सुश्री सीमा हांडा और प्रिंसिपल सुश्री।
अरविंदर कौर ने छात्रों को इस महान उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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