नई दिल्ली, संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बजट सत्र से पहले दोनों सदनों को संबोधित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी– आजादी की लड़ाई में बापू के नेतृत्व में देश की चेतना का प्रतीक रही खादी एक बार फिर छोटे उद्यमियों का संबल बन रही है। सरकार के प्रयासों से 2014 की तुलना में देश में खादी की बिक्री तीन गुना बढ़ी है।सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है। मुस्लिम महिलाओं पर केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को भी हटाया गया है।

– महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए मेरी सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरूषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है।– मेरी सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।

– भारत उन देशों में से एक है जिसके पास सबसे सस्ते इंटरनेट और मोबाइल फोन हैं। हम 5G विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर पर हमारी पीएलआई योजना हमारे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देगी।

– डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकानमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के यूपीआइ प्लेटफार्म की सफलता के लिए मैं सरकार के विजन की प्रशंसा करूंगा। दिसबंर 2021 में देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन यूपीआइ के माध्यम से हुआ है।राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार द्वारा 64 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया गया। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा।– कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड पार किया। आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं।

– राष्ट्रपति ने कहा कि मैं देश के उन लाखों स्वाधीनता सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाए। आजादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का भी मैं श्रद्धा-पूर्वक स्मरण करता हूं।

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