नई दिल्ली। एक तरफ जब देश के ताप बिजली घरों में कोयले की कमी को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं तब सरकार ने कहा है कि मई-जून तक बिजली की मौजूदा मांग 10 प्रतिशत तक और बढ़ सकती है। मंगलवार को देश में बिजली की मांग 2.01 लाख मेगावाट थी। यह पिछले वर्ष नौ जुलाई को दर्ज 2.00539 लाख मेगावाट से ज्यादा रही है। मार्च, 2022 में बिजली की मांग 8.9 प्रतिशत ज्यादा रही है। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि बिजली की मांग मई-जून में बढ़कर 2.15 लाख मेगावाट से 2.20 लाख मेगावाट के बीच हो सकती है।इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार के विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित किया गया है ताकि कोयला आपूर्ति से जुड़ी अड़चनों को दूर किया जा सके। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि बिजली की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उनकी कंपनी ने कोयले की आपूर्ति बढ़ा दी है।15 अप्रैल तक बिजली संयंत्र को रोजाना औसतन 16.4 लाख टन कोयला की आपूर्ति की गई। अब यह आंकड़ा बढ़कर 17 लाख टन प्रतिदिन हो गया है। जबकि मौजूदा स्तर पर बिजली उत्पादन के लिए बिजली संयंत्रों को रोजाना 22 लाख टन कोयला चाहिए। बिजली की मांग जनवरी, 2022 के बाद 11 प्रतिशत बढ़ गई है। देश में बिजली की ऐसी मांग पिछले 40 वषरें में नहीं देखी गई है

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