जालन्धर  : सवृपितृ अमावस्या इस बार 02 अक्टूबर यानी आज मनाई जा रही है. आज ही के दिन लगने जा रहा है साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण. आसमान में होने वाली इस खगोलीय घटना की हिन्दू धर्म में कई सारी मान्यताएं हैं.   मिली जानकारी  के अनुसार यह ग्रहण कन्या राशि के हस्त नक्षत्र में लगने वाला है, हालांकि, यह कंकण सूर्यग्रहण होगा, जो दुनिया के कई सारे देशों में नजर आएगा. यह सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण नही है, जिसे वलयाकार सूर्यग्रहण या रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. लेकिन क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा? इसका समय क्या होगा? इसकी अवधि कितनी होगी, क्या सूतक काल मान्य होगा? ऐसे कई सारे सवालों के जवाब आपको इस खबर के माद्यम से पता चलेगा

ज्योतिषाचार्य की मानें तो भारत के समयानुसार साल के अंतिम सूर्य ग्रहण की शुरुआत 02 अक्टूबर की रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगी और इसका समापन मध्यरात्रि 03 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर होगा. ऐसे में इसकी कुल अवधि 6 घंटे 4 मिनट की होगी.साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण कन्या राशि के हस्त नक्षत्र में लगेगा. चूंकि, सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए इसका कोई प्रभाव भी भारत में नहीं पड़ेगा. वहीं बात करें सूतक काल की तो जब सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा तो इसका सूतक काल भी नहीं लगेगा, जो कि किसी भी ग्रहण के 12 घंट से पहले शुरू हो जाता है

 

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