जालंधर, 09 मई :- सी.बी.एस.ई एफिलिएटेड स्कूल्ज एसोसिएशन द्वारा स्कूलों को बेहतर बनाने और शिक्षा स्तर को ऊपर उठाने के लिए पंजाब के वित्त मंत्री माननीय हरपाल सिंह चीमा के साथ मुलाकात की गई। जिसमें वित्त मंत्री के साथ जालंधर वेस्ट विधायक शीतल अनुराल, करतारपुर विधायक बालकर सिंह, कासा से अध्यक्ष अनिल चोपड़ा, डॉ.अनूप बोरी, विपिन शर्मा, राजन चोपड़ा, प्रिंस चोपड़ा, संजीव चोपड़ा, विक्रम आनंद, जोधराज गुप्ता, संजीव मड़िया, परवीन बेरी, सीएल कोच्चर आदि शामिल हुए। कासा ने स्कूलों के बारे में बात करते हुए कहा कि केवल पंजाब में स्कूली बसों से रोड टैक्स लिया जाता है। जबकि अगर बात दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान की जाये तो वहाँ के स्कूलों की बसों को रोड टैक्स माफ़ है और पंजाब में लिया जा रहा है। जिसका बोझ छात्रों और उनके अभिभावकों पर पड़ रहा है। कासा के सभी मेंबर्स ने पंजाब में भी स्कूलों की ट्रांसपोर्ट के लिए निति तैयार कर उनके टैक्स माफ़ करने के लिए कहा।

साथ ही कासा ने कहा कि जिस प्रकार सरकार सातवें पैकमिशन को स्कूलों में जारी करने का कह रही है, वह स्कूलों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आएगा। स्कूलों को अपने स्टाफ की 6 महीनों की सैलरी रिज़र्व फण्ड रखने होते हैं और अगर सातवां पैकमिशन लगता है तो रिज़र्व फण्ड की राशि दोगुना हो जाएगी। कोई भी स्कूलों के पास इतने फंड्स नहीं होते और कोरोना के बाद सभी पर भारी वित्त प्रभाव पड़ा है। कासा मेंबर्स ने पैकमिशन के बारे में सरकार को फिर से चर्चा करने की अपील की।

इसके अतिरिक्त उन्होंने स्कूलों को हर वर्ष बिल्डिंग, सेफ्टी आदि के सर्टिफिकेट लेने पड़ते हैं जबकि बिल्डिंग को 4-5 वर्ष तक कोई समस्या नहीं आती इसलिए इन्हें 4 जा 5 वर्षीय किया जाना चाहिए।

वित्त मंत्री माननीय हरपाल सिंह चीमा ने स्कूलों के प्रतिनिधियों से बात करते हुए जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया।

 

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