जालंधर : हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर की इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल मानव संसााधन विकास मंत्रालय के सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। इस टीम ने एक वर्चुअल सैशन में भाग लिया, जिसका विषय अकादमिया में इंटीलैक्चुयल प्रापर्टी की महत्ता था। इस कार्यक्रम में भागीदारी व इनोवेशन काउंसिल की इंचार्ज डॉ. अंजना भाटिया की अध्यक्षता में हुई।भारत सरकार के इनोवेशन सैल के सीआईओ डॉ. अभय जेरे तथा डायरेक्टर इनोवेशन डॉ. मोहित गम्भीर ने अकादमिक क्षेत्र में आईपीआर की महत्ता पर बात की। उन्होंने खोज के बेहतरीन तरीकों व इलैक्ट्रानिक पेटेंट डाटाबेस के प्रयोग पर जानकारी दी। उन्होंने आइडिया के आर्थिक पहलुओं पर भी चर्चा की। इस सैशन में उन्होंने पेटेंट राइटिंग, फाइलिंग, कापीराइट सामग्री के प्रयोग, बिजनेस मॉडल, नए ट्रेंड आदि पर विस्तृत जानकारी दी। प्राचार्या प्रो. डॉ. श्रीमती अजय सरीन ने अकादमिक सदस्यों के लिए आईपी की महत्ता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि व्यापारीकरण रिसर्च का हिस्सा बन चुका है। इसलिए अकादमिक क्षेत्र में इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी होना जरूरी है। डॉ. अंजना भाटिया ने भी सदस्यों को बदलती परिस्थितियों में अपडेट रहने के लिए प्रेरित किया। इस सेशन में डॉ. राखी मेहता, लेफ्टिनेंट सोनिया महेंद्रू, श्रीमती अल्का, श्रीमती लवलीन, श्रीमती नवनीता, डॉ. मीनाक्षी दुग्गल मेहता, श्रीमती प्रोतिमा मंडेर, डॉ. जसप्रीत कौर, सुश्री हरप्रीत, डॉ. सिम्मी, श्री विधु वोहरा, श्री आशीष चड्ढा, श्री ऋषभ धीर व विद्यार्थी शामिल थे।

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