जालंधर : पटेल अस्पताल जालंधर और फोर्टिस अस्पताल दिल्ली के सहयोग के साथ क्षेत्र में पहली बार एक सयुंक्त हेपेटोलीजी और लिवर ट्रांसप्लांट OPD पटेल अस्पताल जालंधर में हर महीने के दूसरे शुक्रवार को शुरू की गई है।
पिछले कुछ सालों से लिवर की बीमारी ने बड़ी मात्रा में फ़ैल रही है और मानव जाति में मौत का प्रमुख कारण बनती जा रही है। लिवर की बीमारी के कारण नॉन अलक्होलिक फैटी लिवर (NAFLD) लिवर की बीमारी का एक कारन है। लिवर की बीमारी के और भी कारन जैसे कि शराब पीना हेपेटाईटिस बी और अदि हैं समय के साथ साथ मरीज़ो में पेट में पानी भरना, जॉन्डिस, या लिवर का कैंसर और लिवर सिरोसिस अदि बढ़ता जा रहा है। इस स्तिथि में लिवर ट्रांसप्लांट करना ही एक संभव और निश्चित इलाज है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लिवर डोनर का जीवित होना या मृतक डोनर जो सकता है। हमरे समाज में लिवर ट्रांसप्लांट की सफलता के बारे में बहुतसे डाक्टर और मरीज़ अनजान है लिवर ट्रांसप्लांट से निकलने वाले मरीज़ों की सफ्ता दर में सुधर हुआ है। लिवर ट्रांसप्लांट प्रोईग्राम के लिए एक माहिर टीम की ज़रूरत होती है पटेल अस्पताल के वरुण गुप्ता को लिवर के मरीज़ो के ट्रांसप्लांट से पहले और ट्रांसप्लांट के बाद की देखभाल का तजुर्बा है। पटेल अस्पताल के डॉ तनवीर सिंह पेट की सर्जरी करने में माहिर डॉ है। डॉ विवेक विग और असीस सिंगल द्वारा 100 से अधिक सर्जरी की गयी है जिसमे से 95% कसमयसब हुई है