जालंधर, 1 मई

                ज़िला प्रशासन ने एक नई पहल करते हुए जिले के सभी स्वास्थ्य संभाल संस्थानों में आक्सीजन की स्पलाई अलाट करने के लिए एक सहमति आधारित कार्यविधी तैयार की है।

                डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी के निर्देशों पर शनिवार को कोविड -19 के मरीज़ों का इलाज करने वाले सभी प्राईवेट अस्पतालों की एक वर्चुअल बैठक की, जहाँ इंडियन मैडीकल ऐसोसीएशन की उपस्थिती में अस्पतालों ने स्वंय के लिए आक्सीजन कोटा तय किया गया।

                इस सम्बन्धित और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि सभी भागीदारों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने की तरफ ध्यान केंद्रित किया गया था जिससे वह निर्णय ले सकें कि आपसी सहमति से उनको अपने, संस्थानों में कितनी आक्सीजन गैस की ज़रूरत है। उन्होनें आगे बताया कि बैठक के बाद मौजूदा बाँट में 388 फ़ाल्तू सिलेंडर शामिल किये गए हैं, जिससे प्रतिदिन कुल सिलेंडर 2385 हो गए हैं, जो कि पहले 1997 थे।  थोरी ने बैठक दौरान बताया कि जिले को तरल आक्सीजन की स्पलाई अनुसार कुल बाँट को फिर व्यवस्थित किया जायेगा।

                डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अस्पतालों की तरफ से माँग की गई थी कि उनके खर्च अनुसार आक्सीजन कोटा दोबारा तय किया जाये और इस मामलें को हल करने के लिए सभी अस्पतालों की बैठक बुलाई गई। उन्होनें आगे बताया कि आक्सीजन स्पलाई को और ज्यादा संतुलित बनाने के लिए सहमति -आधारित अलाटमैंट विधि तैयार की गई है, जिस पर सभी मैडीकल संस्थानों की तरफ से सहमति दी गई है। बैठक दौरान आक्सीजन के खर्च को कम करने के उत्तम तरीकों के बारे भी विचार-विर्मश किया गया, जिससे इस कीमती जीवन रक्षक गैस की बर्बादी से बचाया जा सके। बैठक दौरान कुछ प्राईवेट अस्पतालों में आक्सीजन आडिट की टिप्पणियाँ भी सांझी की गई और आधिकारियों की तरफ से मैडीकल भाईचारे को ऐसे ढंग अपनाने की अपील की गई, जिसके इस गैस की बचत हो सके।

                डिप्टी कमिश्नर ने आई.एम.ए. के प्रधान डा. नवजोत दहिया और डिप्टी मैडीकल कमिश्नर डा. ज्योति की तरफ से आक्सीजन बाँट में आपसी सहमति के साथ कार्यविधी तैयार करने के लिए सभी भागीदारों को एक मंच पर लाने के लिए किये गए प्रयत्नों की प्रशंसा की। बैठक में अन्य के इलावा अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल, सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह, डिप्टी मैडीकल कमिश्नर डा. ज्योति और जिले भर के डाक्टर और नर्सिंग –होम के मालिक शामिल थे।

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