जालन्धर6  अगस्त (नितिन कौड़ा )  : ‘ब्रैस्टफीडिंग वीक’ क़े उपलक्ष्य मे आयोजित व्यक्तत्व मे जालंधर अकैडमिक ऑफ पीडियाट्रिक्स (जाप) क़े प्रेजिडेंट डॉ. रोहित चोपड़ा व पिम्स मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुराधा बांसल ने सप्ताह भर अलग अलग स्थानों पर चले कार्यक्रमो व बैठकों मे विचार गोष्टी द्वारा स्तनपान क़े बारे महत्वपूर्ण जानकारी व टिप्स दिए! उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन यह सिफारिश करता है कि शिशु क़े जन्म क़े एक घंटे क़े भीतर माँ का दूध शुरू करना चाहिए व पहले दो साल तक इसे लगातार जारी रखना चाहिये! स्तनपान करने से बच्चे मे जीवंत रोग प्रतिरोधक क्षमता बनती है! जो आयु बढ़ने पर अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति करती है! माँ क़े स्तन द्वारा दूध मिलने से शिशु क़े मस्तिष्क का उचित विकास होता है वही अन्य संक्रमणो व एलर्ज़ी होने का खतरा कम हो जाता है! यह शिशु को मधुमेह व अन्य घातक रोगों से भी बचाता है! जिन शिशुओं को पर्याप्त मात्रा मे माँ का दूध मिलता है उनका सम्पूर्ण विकास होता है!
स्तनपान कराने वाली माताओ को भी स्तनपान का लाभ मिलता है व स्तन कैंसर जैसे घातक रोग क़े खतरे को इससे कम किया ज़ा सकता है! यह शरीर मे पानी व अन्य पदार्थो की कमी को भी पूरा करता है सेशन मे डॉक्टर रोहित चोपड़ा ने बताया कि यह बच्चो मे कमजोरी दूर करने मे सहायक सिद्ध होता है! स्तनपान कराने वाली माताओ को भी अपने आहार मे फल सब्जिया, प्रोटीन व दाले उचित मात्रा मे लेने चाहिए, जिससे शिशु का पर्याप्त विकास हो पाए!

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